भक्तों के लिए बंद रहे शिवालयों के कपाट, पुजारियों ने किया जलाभिषेक
सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालु शहर से लेकर देहात तक भगवान आशुतोष को जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे। लेकिन शिवालयों में भक्तों को जलाभिषेक नहीं करने दिया गया।
बुलंदशहर, जेएनएन। सावन के पहले सोमवार को श्रद्धालु शहर से लेकर देहात तक भगवान आशुतोष को जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे। लेकिन शिवालयों में भक्तों को जलाभिषेक नहीं करने दिया गया। भक्तों को शिवालयों के बाह खड़े होकर आराध्य के दर्शन कर संतोष करना पड़ा। पुजारियों ने शिवालयों में भगवान शिव का जलाभिषेक किया। वहीं श्रद्धालुओं ने घर पर भगवान महादेव की पूजा-अर्चना कर पुण्य अर्जित किया।
नगर के राजराजेश्वर मंदिर में पहले सोमवार को पुजारियों ने भगवान आशुतोष का विधि-विधान के साथ जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की गई। शिवालय में पहुंचे श्रद्धालुओं को जलाभिषेक के लिए प्रवेश नहीं दिया गया। शिवालयों के बाहर खड़े होकर श्रद्धालुओं को अपने इष्टदेव भगवान शिव के हाथ जोड़ कर मंदिर के बाहर से ही वापस लौट गए। गंगेरूआ स्थित श्री द्वादश महालिगेश्वर सिद्धपीठ पर पीठ संस्थापक आचार्य मंजीत धर्मध्वज ने पुजारियों के साथ भगवान महादेव का जलाभिषेक और पुष्प अर्पित कर आराधना की। सावन मास की शुरूआत और समापन सोमवार को होने से इसका अदभुत और विशेष संयोग बना है। सावन सोमवार का व्रत रखने वालों के लिए यह उत्तम है। संतान प्राप्ति, उत्तम स्वास्थ्य और मनोवांछित जीवन साथी के लिए यह व्रत किया जाता है। भगवान शिव की आराधना से वैवाहिक जीवन के दोषों तथा अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है।
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बोले श्रद्धालु
सावन माह में भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना करते थे। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए इस बार भगवान शिव का जलाभिषेक करने का अवसर नहीं मिला। इस बार उपवास रख कर भगवान महादेव की घर पर ही पूजा अर्चना की हैं।
- गोपाल कृष्ण गौतम, श्रद्धालु
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गांव में भगवान शिव के विशाल मंदिर में सावन की शुरूआत श्रद्धालु होने पर हर साल बड़े स्तर पर जलाभिषेक कराया जाता है। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए जलाभिषेक नहीं किया गया हैं। भगवान आशुतोष की घर पर ही पूजा अर्चना की गई हैं।
- संजीव तेवतिया, श्रद्धालु