पुत्रवधु के स्वजन ने वृद्ध सास से की मारपीट
सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव सिरोंधन में पारिवारिक विवाद के चलते पुत्रवधु के स्वजन ने वृद्ध सास से मारपीट कर घायल कर दिया। मौका देखकर आरोपित फरार हो गए। घायल वृद्धा को पुलिस ने गंभीर हालत में राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां से हायर सेंटर रेफर कर दिया।
जेएनएन, बुलंदशहर। सिकंदराबाद कोतवाली क्षेत्र के गांव सिरोंधन में पारिवारिक विवाद के चलते पुत्रवधु के स्वजन ने वृद्ध सास से मारपीट कर घायल कर दिया। मौका देखकर आरोपित फरार हो गए। घायल वृद्धा को पुलिस ने गंभीर हालत में राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया। जहां से हायर सेंटर रेफर कर दिया। पीड़िता के बड़े पुत्र ने आरोपितों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है।
क्षेत्र के गांव सिरोंधन निवासी मनोज और उसका छोटा भाई सचिन ब्रह्मासिंह बाहर रहकर नौकरी करते हैं। मनोज ने बताया कि बीते वर्ष फरवरी माह में उसके छोटे भाई सचिन की शादी हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी मां सावित्री 60 वर्षीय जोकि अपने छोटे बेटे सचिन की पत्नी प्रीति के साथ रहती हैं। आरोप है कि शादी के बाद से ही प्रीति और सावित्री में अनबन रहने लगी। रविवार को किसी बात पर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। शाम को प्रीति ने अपने स्वजन को फोन कर घर पर बुला लिया। जहां पहुंचकर आरोपितों ने वृद्धा को लात, घूंसों और डंडों से मारपीट कर घायल कर दिया। शोर होने पर आसपास के लोगों ने किसी तरह वृद्धा को बचाया। मामले की सूचना से स्वजन घर पहुंचे और पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने घायल वृद्धा को नगर के राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने वृद्धा हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। पीड़िता के बड़े बेटे मनोज ने आरोपितों के खिलाफ पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की।
बाइक बोट के नाम पर 5.59 लाख की ठगी का आरोप
ककोड़ क्षेत्र में बाइक बोट के नाम पर लाखों की ठगी का मामला प्रकाश में आया है। पीड़ित ने आरोपित और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी है।
क्षेत्र के गांव धनौरा निवासी धर्मपाल सिंह पुत्र कालीचरन ने बताया कि जनपद गौतमबुद्धनगर के दनकौर थाना क्षेत्र के गांव निवासी युवक से उसका परिचय था। जिसके चलते उसने अपने साथियों के साथ मिलकर कंपनी में बाइक लगाकर मुनाफा कमाने की बात कही। प्रति बाइक 62200 के हिसाब से मामला तय हुआ था। 28 अगस्त 2018 को ढाई लाख नकद, व 2.85 आरटीजीएस व कुछ नकदी के माध्यम से कुल 5.59 लाख रूपये आरोपित को दे दिए। आरोप है कि दी गई रकम से आरोपित ने बाइक नहीं खरीदी। इस पर आरोपित के रकम वापस मांगने पर टालमटोल करता रहा। दबाव बनाने पर आरोपित ने 20 दिसंबर 2019 को फर्जी कंपनी के नाम से चैक दे दिए। जिसकी जानकारी उसे अपने खाते में चैक जमा करते समय हुई। इंस्पेक्टर योगेन्द्र मलिक ने बताया कि मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।