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मोक्षदायिनी के तट पर हरिद्वार-बनारस की गंगा आरती का संगम

हर हर गंगे जय मां गंगे.. गंगा आरती की इस आवाज से आजकल राजघाट कस्बे की सुबह और शाम हो रही है। गंगा किनारे पर होने वाली आरती को देखने और भक्ति की इस अलौकिक क्षण का साक्षी के लिए गंगा भक्तों की भीड़ भी घाट पर उमड़ने लगी है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अब मोक्षदायिनी के किनारे पर हरिद्वार और बनारस में होनी वाली प्रात और संध्या कालीन आरती का संगम अपने जनपद में भी हो रहा है। आरती आयोजन के लिए इंतजाम भी बडे़ स्तर पर ही किए गए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Sep 2020 11:11 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 05:07 AM (IST)
मोक्षदायिनी के तट पर हरिद्वार-बनारस की गंगा आरती का संगम
मोक्षदायिनी के तट पर हरिद्वार-बनारस की गंगा आरती का संगम

बुलंदशहर, जेएनएन। हर हर गंगे, जय मां गंगे.. गंगा आरती की इस आवाज से आजकल राजघाट कस्बे की सुबह और शाम हो रही है। गंगा किनारे पर होने वाली आरती को देखने और भक्ति की इस अलौकिक क्षण का साक्षी के लिए गंगा भक्तों की भीड़ भी घाट पर उमड़ने लगी है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि अब मोक्षदायिनी के किनारे पर हरिद्वार और बनारस में होनी वाली प्रात: और संध्या कालीन आरती का संगम अपने जनपद में भी हो रहा है। आरती आयोजन के लिए इंतजाम भी बडे़ स्तर पर ही किए गए हैं।

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गंगा आरती के इस अलौकिक संगम की यूं तो शुरुआत करीब दस सदी पहले हुई थी। लेकिन समय और जरूरत ने आरती की परंपरा कई उतार-चढ़ाव के दौर से गुजारा। समय बदला और गंगा की गोद में पलकर सफलता के शिखर पर पहुंचे कुछ भक्तों ने आरती की इस परंपरा को फिर से भव्यता प्रदान करने और हरिद्वार के हर की पौड़ी और बनारस में होने वाली गंगा आरती का दिव्य रूप प्रदान करने की कवायद शुरू की। पिछले साल 29 सितंबर को पहली बार राजघाट में गंगा के किनारे पर बनारस से बुलाए गए पंडितों के निर्देशन में भव्य गंगा आरती का आयोजन किया गया। तब से अब तक लगातार हर दिन गंगा आरती से राजघाट की सुबह और शाम हो रही रही है। ऐसे शुरू हुआ आरती का आयोजन

राजघाट कस्बे में जन्मे एलएम शर्मा ने पढ़ाई के बाद फरीदाबाद में अपने कारोबार का शुभारंभ किया। कारोबार चल निकला और परिवार की जिम्मेदारी पूर्ण हुई तो अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ करने की अधूरी कसक को पूरा करने की मन में ठानी। इसके बाद कुछ कारोबारी दोस्तों के साथ मिलकर श्री भागीरथी सेवा ट्रस्ट की स्थापना की और गंगा आरती का भव्य रूप तैयार किया गया। हर माह एक लाख होता है खर्च

गंगा आरती के लिए तीन पंडितों को विशेष रूप से बनारस से बुलाया गया है। इसके अलावा गंगा घाट की सफाई के लिए सफाईकर्मी भी रखे गए हैं और रोशनी के लिए जनरेटर भी लगाया गया है। बनारस की आरती में प्रयोग होने वाले दीप भी विशेष रूप से अमेरिका से मंगवाए गए हैं। इसके अलावा गंगा की सफाई पर भी जोर दिया जाता है। इन सब कामों पर हर माह ट्रस्ट एक लाख रुपये खर्च करता है।

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इन्होंने कहा ..

इंसान को सफलता पाने के बाद भी अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए। गंगा हमारी मां हैं और हमें अपने कर्तव्य का पालन पुत्र के रूप में करना है। राजघाट कस्बे को पहचान दिलाने और गंगा मां की आरती को भव्य रूप देने के लिए इस तरह के आयोजन का शुभारंभ किया गया है।

- एलएम शर्मा, प्रबंधक, श्री भागीरथी सेवा ट्रस्ट


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