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दस घंटे की पूछताछ में फौजी निकला भीड़ का हिस्सा, उकसाने का भी आरोप

स्याना बवाल प्रकरण में एसटीएफ और एसआइटी ने शनिवार देर रात से लेकर रविवार अपराह्न तीन बजे तक कई चरणों में जीतू फौजी से पूछताछ की।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Dec 2018 11:04 PM (IST)Updated: Sun, 09 Dec 2018 11:04 PM (IST)
दस घंटे की पूछताछ में फौजी निकला भीड़ का हिस्सा, उकसाने का भी आरोप
दस घंटे की पूछताछ में फौजी निकला भीड़ का हिस्सा, उकसाने का भी आरोप

बुलंदशहर : स्याना बवाल प्रकरण में एसटीएफ और एसआइटी ने शनिवार देर रात से लेकर रविवार अपराह्न तीन बजे तक कई चरणों में जीतू फौजी से पूछताछ की। करीब दस घंटे चली पूछताछ में आइजी मेरठ रेंज से लेकर एसटीएफ व एसआइटी के अधिकारियों ने पांच सौ से अधिक सवाल किए। हर सवाल का जीतू ने अपना पक्ष जवाब दिया। अधिकारी संकेत दे रहे हैं कि अभी तक सामने आए तथ्यों में जीतू भीड़ को उकसा रहा था।

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तमाम पूछताछ के बाद पुलिस यह साबित नहीं कर पाई कि जीतू फौजी ने ही कोतवाल सुबोध कुमार ¨सह को गोली मारी थी। पुलिस ने जीतू पर मानसिक दबाव बनाने के लिए कई बार क्रास सवाल भी किए थे, लेकिन जीतू एसआइटी अधिकारियों के सवाल का जवाब अपने पक्ष में देता रहा। तीन बजे जब एसआइटी के अधिकारी जीतू फौजी से कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं जुटाए पाए तो उसे भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट में पेश किया।

बवाल के एक दर्जन से अधिक वीडियो व एलबम दिखाई

तीन दिसंबर को ¨चगरावठी पुलिस चौकी के पास हुई ¨हसा की एसआइटी के पास दो दर्जन से अधिक वीडियो आ चुकी हैं। वीडियो से ही एसआइटी ने एक एलबम बनाई है, जिससे बलवाइयों को पहचाना जा सके। रविवार को पूछताछ के दौरान एसआइटी अधिकारियों ने जीतू फौजी पर दबाव बनाने के लिए उससे तीन चरणों में पूछताछ की और उसे बवाल की एक दर्जन से अधिक वीडियो दिखाई, जिसमें जीतू की मौजूदगी का दावा एसआइटी के अधिकारी कर रहे हैं, लेकिन जीतू ने हर बार यह कर अपना बचाव किया कि वह छुट्टी खत्म होने के बाद ड्यूटी पर जा रहा था। बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर मार्ग पर बवाल होने के कारण वह बलवाइयों की बीच फंस गया था। उन्हें समझाने का प्रयास कर रहा था। इसी दौरान किसी ने उनकी वीडियो बना ली होगी। हापुड़ फोरें¨सक टीम भी पूछताछ में शामिल रही

बताया गया है कि हापुड़ फोरेंसिक टीम के पास भी बवाल से जुड़ी कुछ वीडियो हैं, जो जीतू को दिखाई गई थीं, लेकिन जीतू ने बवाल में होने से इंकार कर दिया। भीड़ को उकसाने का आरोप

कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद अधिकारियों ने संकेत दिया कि जीतू ने भीड़ को उकसाया था। इसके साक्ष्य एसआइटी ने वीडियो व एलबम में कैद कर रखे हैं। रविवार को कोर्ट में जीतू को पेश करने के दौरान एसआइटी की विवेचना सेल के अधिकारी बलवाइयों की शिनाख्त के लिए बनाई गई एलबम को लेकर गए थे, जिसमें करीब दो दर्जन से अधिक फोटो जीतू के थे, लेकिन विवेचक कोर्ट में एलबम नहीं दिखा सके। बवाल में की कई कार्रवाई से संबंधित केस डायरी दिखाई थी। जीतू को कराया नाश्ता

पूछताछ के दौरान एसआइटी के अधिकारियों ने जीतू को नाश्ता व खाना भी खिलाया था। गला सूखने पर उसे कई बार पानी भी पिलाया गया था। परिजनों को उम्मीद थी कि एसआइटी के अधिकारी पूछताछ के दौरान उससे सख्ती करेंगे, लेकिन अधिकारियों से जीतू से बंद कमरे में सिर्फ घटना से जुड़े पहलुओं पर पूछताछ की। सीडीआर में जीतू के मोबाइल की लोकेशन घटनास्थल पर

एसआईटी ने जीतू के मोबाइल की सीडीआर भी खंगाली थी, जिसमें जीतू के मोबाइल की लोकेशन बवाल वाले दिन घटनास्थल पर थी। घटनास्थल से जीतू ने किस-किस से मोबाइल पर बात की थी। एसआइटी इसकी जांच भी कर रही है। जांच इस बात की भी हो रही है कि घटना वाले दिन जीतू हवाई जहाज से ही क्यों जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हुआ था? जीतू के मोबाइल की फोरेंसिक जांच होगी

मेरठ: बुलंदशहर बवाल में नामजद आरोपित फौजी जीतू महज भीड़ का हिस्सा था। प्रारंभिक जांच में फौजी द्वारा इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारने और पुलिस पर पथराव करने का कोई सबूत अभी तक नहीं मिला है। लिहाजा पुलिस अभी उसे हत्यारोपित की बजाय उपद्रव में शामिल आरोपित मानकर चल रही है। एसटीएफ द्वारा की गई पूछताछ के बाद एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने यह जानकारी दी।

पुलिस पूछताछ में फौजी जीतू ने मेरठ में बताया कि वह मौके पर मौजूद था। इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या उसने नहीं की है। उसे तो पता भी नहीं था कि गोली चल गई है। जीतू द्वारा अपने मोबाइल का डाडा डिलीट करने के सवाल पर एसटीएफ के एसएसपी ने बताया कि मोबाइल की फोरेंसिक जांच कराई जाएगा। जांच रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा कि मोबाइल में क्या डाटा है या डाटा डिलीट तो नहीं किया गया है।


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