कला को आमजन तक पहुंचाना ध्येय: सीमा मोदी
बुलंदशहर प्रसिद्ध कलाकार सीमा मोदी कई नाटकों में अपने अभिनय का जलवा बिखेर चुकी हैं। लखनऊ
बुलंदशहर: प्रसिद्ध कलाकार सीमा मोदी कई नाटकों में अपने अभिनय का जलवा बिखेर चुकी हैं। लखनऊ से लेकर ताज महोत्सव तक में प्रस्तुति देकर सुर्खियां बटोर चुकी हैं। उनका ध्येय कला को आमजन तक पहुंचाना है।
जिला मुख्यालय पहुंची सीमा मोदी ने विशेष वार्ता में कला की बारीकियां और अभिनय की दुनिया के बारे में जानकारी दी। झारखंड के झुमरी तलैया निवासी डीजी लखनऊ महेंद्र की धर्मपत्नी सीमा मोदी ने 2008 में चित्रा मोहन के नाटक सूत ना कपास से अभिनय की दुनिया में कदम रखा। उसके बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा है। अब हर शख्स उनके नाम से परिचित है। उनकी कलाकारी लोगों के दिलों में अमिट छाप भी छोड़ रही है। वह करीब 27 प्रसिद्ध नाटकों में मंचन कर चुकी हैं। वहीं वह शोरगुल, वन दो फॉर, झुमकी व दोस्ती जिदाबाद में भी अभिनय कर चुकी हैं। लखनऊ महोत्सव, हरदोई महोत्सव, अलीगढ़, बुलंदशहर, ताज, झांसी आदि महोत्सवों में दर्शकों को अपनी कलाकारी के दर्शन करा चुकी हैं। साथ ही सामाजिक कार्य के रूप में भी महिलाओं के लिए कार्य करने के साथ-साथ एनीमिया, स्वच्छता संबंधी कार्य को लेकर जागरूकता फैला रहीं हैं।