ग्लब्स मास्क लगाकर की पति की देखभाल
कोरोना संक्रमित होने वाले इंसान के साथ उसके परिवार की भी मौजूदा वक्त कड़ी परीक्षा लेता है। असल परीक्षा संक्रमित की सेवा करने वाले की होती है जो हर वक्त अंदर ही अंदर खौफ में होने के बावजूद मरीज की दिल-ओ-जान से सेवा कर रहे हैं। ज्यादातर संक्रमित पाए गए व्यक्तियों की पत्िनयों ने ही धर्म निभाया है।
बुलंदशहर, जेएनएन। कोरोना संक्रमित होने वाले इंसान के साथ उसके परिवार की भी मौजूदा वक्त कड़ी परीक्षा लेता है। असल परीक्षा संक्रमित की सेवा करने वाले की होती है, जो हर वक्त अंदर ही अंदर खौफ में होने के बावजूद मरीज की दिल-ओ-जान से सेवा कर रहे हैं। ज्यादातर संक्रमित पाए गए व्यक्तियों की पत्िनयों ने ही धर्म निभाया है।
डिबाई क्षेत्र के रहने वाले सुनील कुमार दो अप्रैल को संक्रमित हो गए थे। संक्रमित होने के बावजूद उन्हें कोरोना के लक्षण नहीं थे, इसीलिए डाक्टर की सलाह पर वह होम आइसोलेट हो गए। ऐसे में दो बच्चों को सुरक्षित रखने के साथ ही पत्नी कोरोना योद्धा के रूप में सामने आई और खुद को सुरक्षा कवच के रूप में मास्क व गलब्स पहन कर पति की देखभाल शुरू कर दी। सुनील की पत्नी ने बताया कि उनके पति ने स्वयं को सभी से अलग कर लिया था। पति को उनके कमरे में खाना देना। दवाई देना उनके लिए कठिन था लेकिन कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए सेवा धर्म निभाया और अब पति पूर्ण रूप से स्वस्थ्य हैं। भूसे में आग लगने से हुआ हजारों का नुकसान
खुर्जा में भूसे में आग लगने से किसान को हजारों रुपये का नुकसान हो गया। ग्रामीणों ने किसी तरह से आग को फैलने से रोका। पीड़ित किसान ने राजस्व टीम से आर्थिक मदद की गुहार लगाई है। क्षेत्र के गांव नगला निवासी हुकुम चंद ने अपने चार बीघा गेहूं की थ्रेसिग बीते दिनों कराई थी। जिसके बाद से भूसा उनके खेत में पड़ा हुआ था। जिसमें गुरुवार शाम अचानक आग लग गई। आग की लपटों को निकलता हुआ देखकर काफी ग्रामीण खेती की तरफ दौड़ पड़े। उन्होंने रेत, पानी आदि डालते हुए आग पर काबू पाया, लेकिन जब तक भूसे का ढेर जलकर राख हो गया था। जिससे किसान को काफी नुकसान हुआ है। हालांकि गनीमत रही कि किसानों ने आग पर काबू समय रहते पा लिया, अन्यथा निकटवर्ती ईंख के खेत में भी आग लग सकती थी। पीड़ित किसान ने आर्थिक मदद की गुहार प्रशासनिक टीम से लगाई है।