सुकरोज की कमी से गन्ने में घटी चीनी रिकवरी
गन्ने की फसल में अंधाधुंध यूरिया के प्रयोग से वर्तमान पेराई सत्र में गन्ने की मिठास काफी कम है। अमूनन 11 से 12 फीसद चीनी रिकवरी के बजाए मात्र आठ से 10 फीसद ही हो रही है।
जेएनएन, बुलंदशहर। गन्ने की फसल में अंधाधुंध यूरिया के प्रयोग से वर्तमान पेराई सत्र में गन्ने की मिठास काफी कम है। अमूनन 11 से 12 फीसद चीनी रिकवरी के बजाए मात्र आठ से 10 फीसद ही हो रही है। ऐसे में क्षमता के अनुसार चीनी मिल पेराई नहीं कर रहे हैं। चीनी रिकवरी कम होने से मिल प्रबंधन के माथे पर शिकन है।
जिले में 1.19 लाख किसान गन्ने की फसल से जुड़े हैं। सरकार के दबाव में चीनी मिलों का पेराई सत्र हो चुका है। सभी चीनी मिलों ने क्षमता के आधार पर इंडेंट भी जारी कर दिया है। बुलंदशहर के किसान जनपद की सीमाओं से सटे चीनी मिलों पर गन्ना आपूर्ति करते हैं। ऐसे में किसान छह चीनी मिलों पर गन्ना आपूर्ति कर रहे हैं। पेराई सत्र शुरू होने के बाद चीनी मिलों ने गन्ना विभाग को भेजी रिपोर्ट में चीनी रिकवरी फीसद काफी कम बताई है। अधिकारियों का कहना है कि खाद के अधिक प्रयोग होने के कारण गन्ने में ग्लूकोज और सुकरोज की मात्रा घट रही है।
बारिश से हुई सुकरोज की कमी
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. शिव सिंह ने बताया कि गन्ने की प्रजाति, यूरिया का अंधाधुंध प्रयोग और अधिक सिचाई करने से गन्ने में ग्लूकोज और सुकरोज की कमी होती है। जैसे-जैसे गन्ने की फसल पकती रहेगी वैसे-वैसे सुकरोज की मात्रा भी बढे़गी।
मिलों में चीनी रिकवरी के हालात
साबितगढ़-10.02
अनामिका-9.84
सिभावली-8.67
चंदनपुर-8.53
रजपुरा-8.88
इन्होंने कहा..
2020-21 गन्ना पेराई सत्र शुरू हो चुका है, चीनी रिकवरी काफी कम है। औसतन दो से चार फीसद तक चीनी रिकवरी कम है। चीनी मिलें जल्द ही क्षमता के अनुसार पेराई करना शुरू कर देंगी।
-डीके सैनी, जिला गन्ना अधिकारी।