शोला शोला खेल रहे हैं, जिस बस्ती के वाशिदे..
खुर्जा में जंक्शन मार्ग टीचर्स कालोनी में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कई कवियों ने अपनी कविताएं पढ़ी और उपस्थित लोगों को कविता सुनकर तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया।
बुलंदशहर, जेएनएन। खुर्जा में जंक्शन मार्ग टीचर्स कालोनी में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें कई कवियों ने अपनी कविताएं पढ़ी और उपस्थित लोगों को कविता सुनकर तालियां बजाने के लिए मजबूर कर दिया।
बुधवार शाम को जंक्शन मार्ग स्थित टीचर्स कालोनी में अदबी एकता कौंसिल के तत्वावधान में कवि सम्मेलन होली के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। जिसमें दर्जनभर से अधिक कवि शामिल हुए। इस दौरान शायद जमील ने पढ़ा कि 'शोला शोला खेल रहे हैं जिस बस्ती के वाशिदे, सोच रहा हूं उस बस्ती में कागज की जागीर बनूं'। वहीं 'मत बांटों मेरे भारत को, इंसान का गुरुर एक पल में तिनके सा टूटा'। इसके अलावा डा. देवेंद्र कुमार सिंह ने पढ़ा कि 'हर आगाज का अंजाम तय है, सुबह कोई हो तो उसकी शाम तय है। हिरन सोने का चाहेगी जो सीता, बिछुड़ जाएंगे उससे राम तय है'। वहीं अन्य कविओं ने भी अपनी कविताएं सुनाईं। जिन्हें सुनकर उपस्थित लोग झूम उठे। इसमें अली अब्बास, आदिल मलिक, आफाक हाशमी, जीपी सिंह, डा. जावेद, देवेंद्र कुमार, विजेंद्र सिंह, कुंवरपाल, जगवीर, राजन दिवाकर आदि रहे। जिज्ञासा धींगरा को मिला बेस्ट टीचर अवार्ड
खुर्जा में जिज्ञाषा धींगरा को शिक्षा के क्षेत्र में बेस्ट टीचर अवार्ड से सम्मानित किया गया। खुर्जा के मोहल्ला नई बस्ती निवासी जिज्ञासा धींगरा गांव धराऊ स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को वर्चुअल कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें शिक्षा क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रतिभा के लिए उन्हें बेस्ट टीचर आफ दा ईयर-2020 से सम्मानित किया गया। इतना ही नहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने शिक्षिका के कार्य की सराहना की। यह कार्यक्रम काइट्स क्राफ्ट उत्पादन द्वारा आयोजित किया गया था और इस समारोह में एक स्पीकर सत्र था। इस दौरान डा. विजय कुमार, विशाल गुप्ता, डा. कुनाल आदि रहे।