सुविधाओं से लैस है आश्रय गृह, रूकने वालों का टोटा
सर्दी के मौसम में मजबूरी में लोगों को खुले आसमान के नीचे रात न व्यतीत करनी पड़े। इसके लिए नगर तहसील मार्ग स्थित आश्रय गृह में रूकने की विशेष व्यवस्था की गई है।
बुलंदशहर, जेएनएन। सर्दी के मौसम में मजबूरी में लोगों को खुले आसमान के नीचे रात न व्यतीत करनी पड़े। इसके लिए नगर तहसील मार्ग स्थित आश्रय गृह में रूकने की विशेष व्यवस्था की गई है। वहीं रूकने वाले लोगों के खान-पान की भी व्यवस्था मौजूद है, लेकिन उसके बावजूद रूकने वालों का टोटा है। कुछ लोग पूर्व में इस गृह के क्वारंटाइन सेंटर रहने के चलते यहां रूकने से डर रहे हैं।
खुर्जा में पुरानी कोतवाली के पीछे स्थित आश्रय गृह में रैन बसेरा बनाया गया है। यहां पर लोगों के रूकने के लिए 50 बेड की व्यवस्था की गई है। जिसमें 14 बेड महिलाओं और 36 बेड पुरुषों के लिए हैं। दोनों के अलग-अलग रूकने की व्यवस्था है। इतना ही नहीं रूकने वाले लोगों की देखरेख और खान-पान करने के लिए केयरटेकर भी लगाए गए हैं। जिससे यहां ठहरने वाले लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। व्यवस्थाओं से पूरी तरह से लैस होने के बावजूद भी आश्रय गृह पर कम ही लोग रात्रि विश्राम करने के लिए पहुंच रहे हैं। पिछले कई दिनों से सर्दी का सितम जारी है, लेकिन उसके बाद भी यहां रूकने वालों की संख्या दस से अधिक नहीं हो सकी है। उधर लोगों को आश्रय गृह में रात्रि विश्राम करने की सुविधा को लेकर प्रचार-प्रसार भी किया जा रहा है। जिससे अधिक से अधिक संख्या में लोग पहुंच सकें और किसी को सर्दी के इस मौसम में खुले आसमान के नीचे रात व्यतीत करने के लिए मजबूर न होना पड़े। कार्यदायी संस्था गंगा संस्थान के आश्रय गृह प्रबंधक रमाशंकर तिवारी ने बताया कि कुछ लोग पूर्व में क्वारंटाइन सेंटर रहने के चलते यहां आने से डर रहे हैं। जिनको लगातार समझाते हुए जागरूक भी किया जा रहा है।