जीतू फौजी, शिखर समेत सात आरोपित जमानत पर छूटे
स्याना हिसा में जेल गए जीतू फौजी शिखर अग्रवाल समेत सात आरोपित जमानत पर शनिवार देर रात छूट गए।
बुलंदशहर, जेएनएन: स्याना हिसा में जेल गए जीतू फौजी, शिखर अग्रवाल समेत सात आरोपित जमानत पर शनिवार देर रात छूट गए। रिहाई के दौरान जेल के बाहर मौजूद परिजनों व हिदू संगठनों के पदाधिकारियों ने उनका फूल माला पहना कर स्वागत किया। परवाने में कमी होने के कारण अभी तीन आरोपित नहीं छूट सके हैं।
तीन दिसंबर 2018 को स्याना के महाव गांव में गोवंशों के अवशेष मिलने पर चिंगरावठी पुलिस चौकी के पास हिसा भड़क गई थी। इसमें स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह शहीद हो गए थे और चिंगरावठी गांव निवासी सुमित की भी गोली लगने से मौत हो गई थी। हिसा में पुलिस ने 27 को नामजद करते हुए 60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस प्रकरण के लिए गठित एसआइटी व पुलिस 44 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी। जेल गए सभी आरोपितों पर पुलिस ने राजद्रोह की धारा भी लगा दी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता संजय शर्मा ने बताया कि गत दिनों हाई कोर्ट से जेल में बंद किए गए आरोपितों की हिसा व राजद्रोह की धारा में जमानत हो गई थी, लेकिन सत्यापन नहीं होने के कारण वह जेल से छूट नहीं सके थे। शनिवार को जमानतियों के सत्यापन के बाद सीजेएम ने जीतू फौजी समेत सात आरोपितों की रिहाई का परवाना जिला कारागार में भेज दिया था। देर रात जितेंद्र उर्फ जीतू फौजी, शिखर अग्रवाल, हेमू गुर्जर, उपेंद्र राघव, सौरव, महाव का पूर्व प्रधान राजकुमार व रोहित जमानत पर जेल से छूट गए। राजवीर उर्फ कलवा, विनीत व टिकू को जेल से रिहाई को अभी इंतजार करना पड़ेगा।
हिसा से नहीं कोई लेना-देना
जमानत पर छूटे सभी आरोपितों का कहना है कि उनका हिसा से कोई लेना-देना नहीं है। शिखर अग्रवाल ने बताया कि जिस समय हिसा हुई, वह घटना स्थल पर नहीं था। कोतवाली में गोकशी की तहरीर देने के बाद वह अपने घर आ गया था। पुलिस प्रशासन ने जबरन उसे हिसा का आरोपित बना दिया। चिंगरावठी निवासी हेमू गुर्जर ने कहा कि हिसा के समय वह अपने खेतों पर काम कर रहा था। तीन-चार दिन बाद पुलिस ने उसे फोन कर बुलाया था और हिसा के आरोप में जेल भेज दिया। महाव के पूर्व प्रधान राजकुमार ने बताया कि उसके खेतों में गोवंश के अवशेष पड़े मिले थे। इसकी सूचना उसने पुलिस को दी थी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बुलाया था। हिसा के दौरान वह घर पर था। सौरव का कहना था कि उसने घायल सुमित को अस्पताल पहुंचाने में मदद की थी। पुलिस ने उसे हिसा के आरोप में फंसा कर जेल भेजा था।