राइस मिल में छापेमारी, सरकारी खाद्यान्न के 248 बोरे बरामद
सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी का टीम ने भंडाफोड़ किया है। गुरुवार के अंक में दैनिक जागरण ने सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था।
बुलंदशहर, जेएनएन। सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी का टीम ने भंडाफोड़ किया है। गुरुवार के अंक में दैनिक जागरण ने सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसका संज्ञान लेकर टीम ने कार्डधारकों से चावल खरीदने वालों का पीछा किया तो मामले का भंडाफोड़ हुआ। टीम को राइस मिल से 200 बोरे चावल और 48 बोरे गेहूं के बरामद हुए हैं। पुलिस ने मौके से राइस मिल के मालिक और वाहन चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
लॉकडाउन के दौरान सरकार द्वारा गरीब परिवारों को नियमित और अतिरिक्त खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है। कुछ मुनाफाखोरों की नजर सरकारी खाद्यान्न पर है। इन लोगों ने ठेले और ई-रिक्शा चालकों से कार्डधारकों से सस्ती दरों पर सरकारी खाद्यान्न खरीदने के लिए नगर और देहात क्षेत्र में लगाया है। ये लोग कार्डधारकों से 16-18 रुपये प्रति किलो के हिसाब से कार्डधारकों से चावल खरीदते हैं और अनूपशहर बस अड्डा स्थित डीपी राइस मिल में बेचते हैं। टीम ने शनिवार को सरकारी खाद्यान्न खरीदने वालों का पीछा किया। आरोपी ई-रिक्शा से डीपी राइस मिल में चावल लेकर पहुंचे तो टीम ने ई-रिक्शा चालक को दबोच लिया। राइस मिल में से चावल के 200 और गेहूं के 48 बोरे बरामद किए हैं। आपूर्ति अधिकारी केबी सिंह ने बताया कि राइस मिल को सीज कर दिया गया है। टीम में शकील, प्रवीण कुमार बेचता है। क्षेत्रीय खादय अधिकारी उदयराज, आपूर्ति निरीक्षक सुधांशु यादव, दिग्विजय सिंह, आनंद प्रकाश आदि मौजूद रहे।
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अभयदान बना अभिशाप
आठ माह पूर्व इसी राइस मिल पर छापेमारी कर 200 कुंतल सरकारी खाद्यान्न पकड़ा गया था। कई मामले इस राइस मिल के पूर्व में भी उजागर हो गए हैं। इस मामले में डोर टू स्टैब डिलीवरी का एक ठेकेदार भी शामिल है। सरकारी खाद्यान्न स्टैब टू डिलीवरी के बहाने राइस मिल में पहुंचा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा मिल प्रबंधन से साठगांठ कर सीलिग की कार्यवाही को निरस्त कर दिया गया है। टीम का यह अभयदान ही गरीबों के निवाले पर भारी पड़ रहा है।