कोरोना काल में अस्पतालों में कई गुना बढ़ गए संसाधन
कोरोना काल लोगों को नुकसान पहुंचाने वाला जरूर रहा लेकिन इस दौरान अस्पतालों में संसाधन कई गुना बढ़ गए। पिछले एक दशक से संसाधनों का अभाव झेल रहे जिला अस्पताल सीएचसी और पीएचसी पर बेड से लेकर तमाम तरह के संसाधन कोरोना आने के एक माह के भीतर पूरे कर लिए गए।
जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना काल लोगों को नुकसान पहुंचाने वाला जरूर रहा, लेकिन इस दौरान अस्पतालों में संसाधन कई गुना बढ़ गए। पिछले एक दशक से संसाधनों का अभाव झेल रहे जिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी पर बेड से लेकर तमाम तरह के संसाधन कोरोना आने के एक माह के भीतर पूरे कर लिए गए।
कोरोना आने से पहले स्वास्थ्य विभाग के पास वेंटीलेटर की व्यवस्था नहीं थी। दो वेंटीलेटर थे भी तो वह सिर्फ नाम के थे और मरीजों को इनकी सुविधा भी नहीं मिल रही है। कोरोना महामारी आते ही पूरी सरकारी मशीनरी संसाधनों को बढ़ाने और पूरा कराने में जुट गई। इस समय स्वास्थ्य विभाग के पास अपने वेंटीलेटर हैं। खुर्जा के जटिया अस्पताल समेत कुल 32 वेंटीलेटर मरीजों को सेवाएं दे रहे हैं। नए आइसीयू वार्ड बनाए गए। बेड खरीदे गए। कोरोना के मरीजों के लिए एल-2 स्तर का अस्पताल खुर्जा में बना दिया गया। आक्सीजन के सिलेंडर भी दस गुना बढ़ा दिए गए। नए आइसीयू और इमरजेंसी शुरू हो गई हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पीपीई किटें खरीदीं गई। आक्सीजन मीटर से लेकर रूम हीटर, कूलर, बेड सीट, कंबल, रजाई सभी संसाधन खरीदे गए। लोगों की जांच के लिए कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर खोलकर कम्यूनिटी हेल्थ आफिसर की तैनाती की गई। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जितने संसाधन स्वास्थ्य विभाग में बढ़ाए गए हैं वो इतने हैं कि अगले दस साल स्वास्थ्य विभाग को संसाधन खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। सीएमओ डा. भवतोष शंखधर का कहना है कि शासन की गाइडलाइन के अनुसार संसाधन बढ़ाए। कोरोना काल में संसाधन बढ़ाना मजबूरी भी थी। अब पर्याप्त संसाधन विभाग के पास हैं।