आंगनबाड़ियों का एक सप्ताह तक धरना-प्रदर्शन शुरू
महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के नेतृत्व में जनपद की आंगनबाड़ी कार्यकताओं सहायक ने बुधवार से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी एक सप्ताह तक धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेंगी।
जेएनएन, बुलंदशहर। महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ के नेतृत्व में जनपद की आंगनबाड़ी कार्यकताओं सहायक ने बुधवार से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। 10 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी एक सप्ताह तक धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपेंगी।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ की अध्यक्ष सावित्री गौतम के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मलका पार्क में धरना दिया। इसके बाद उन्होंने कलक्ट्रेट पहुंचकर डीएम कार्यालय पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने 62 वर्ष पर पेंशन व ग्रेच्युटी के साथ सेवानिवृति देने, वेतन वृद्धि, नई भर्तियों पर रोक, 15 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिकाओं को 10 हजार रुपये, हाटकुक्ड मील में ग्राम प्रधानों का हस्तक्षेप न हो, स्वयं सहायता समूह के चलते होने वाली समस्याओं का निवारण हो, 2017 के नवंबर और दिसंबर को वेतन जारी हो, अच्छा मोबाइल और रिचार्ज कराने की सुविधा, किराये की व्यवस्था हो और कर्मचारी हित में श्रम कानूनों का कड़ाई से पालन हो आदि मांग की। फुटपाथ और सड़क के भी लगाए जा रहे दाम
शहर में सड़क और फुटपाथ तक के दाम लगाए जाते हैं। स्थायी दुकानदारों द्वारा अपन दुकानों के सामने ठेली लगाने वालों से दिन और महीने के हिसाब से रुपयों की वसूली की जाती है। दूसरी तरफ अतिक्रमण के खिलाफ चलने वाले अभियान में भी ठेली संचालक जुर्माना भरते हैं और दुकानदार बच जाते हैं।
खुर्जा गांधी, कालेज मार्ग, जंक्शन और पहासू मार्ग, बजाजा बाजार आदि स्थानों पर हजारों की संख्या में राहगीरों का आना-जाना लगा रहता है। इन मार्गों पर स्थाई अधिकांश दुकानदारों द्वारा अपनी दुकानों के सामने ठेली लगाने की जगह चिह्नित की हुई है। दुकानदारों द्वारा जो स्थान चिह्नित किया हुआ है। वह फुटपाथ या फिर सड़क का हिस्सा है। जिस पर भी स्थाई दुकानदारों से ठेली लगाने वाले अनुमति लेते हैं। साथ ही उनके द्वारा ठेली लगाने वालों से रुपयों की वसूली की जाती है। हालांकि कुछ ही ऐसे दुकानदारों हैं, जो रुपये नहीं लेते हैं। वहीं अधिकांश दुकानदार एक हजार से लेकर तीन हजार तक रुपये ठेली संचालकों से वसूल करते हैं। उधर जब अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलता है, तो फुटपाथ और सड़क तक ठेली लगाने वालों से ही जुर्माना वसूल किया जाता है। इसके अलावा स्थायी दुकानदार इससे बच जाते हैं। उधर ईओ जेके आंनद ने बताया कि उन्हें इसके संबंध में जानकारी नहीं है।