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प्रोटीनयुक्त भोजन कर बदलें दिनचर्या : डा. यतेंद्र

कोरोना संक्रमण के कहर से बचने के लिए लोगों को अपनी दिनचर्या बदलनी होगा। नियमित व्यायाम के साथ प्रोटीनयुक्त भोजन करके सेहत का ख्याल रखना होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 11:32 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 11:32 PM (IST)
प्रोटीनयुक्त भोजन कर बदलें दिनचर्या : डा. यतेंद्र
प्रोटीनयुक्त भोजन कर बदलें दिनचर्या : डा. यतेंद्र

बुलंदशहर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के कहर से बचने के लिए लोगों को अपनी दिनचर्या बदलनी होगा। नियमित व्यायाम के साथ प्रोटीनयुक्त भोजन करके सेहत का ख्याल रखना होगा। चिकित्सक लोगों को संक्रमण बचाने के लिए यह सलाह दे रहे हैं। उनका कहना है कि यदि खानपान और सरकार के निर्देशों का पालन करेंगे तो सर्दी, खासी, जुखाम की तरह कोरोना संक्रमण भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।

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लक्ष्मी अस्पताल के प्रबंध निदेशक डा. यतेंद्र शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों को सुबह जल्दी उठना होगा। नियमित एक्सरसाइज, योगा करके चुस्त-दुरस्त रहना होगा। प्रोटीन युक्त भोजन करके सेहत का ध्यान रखना होगा। नान वेज खाने वाले चिकन और अंडा खाकर शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा सकते हैं। जबकि वैजीटेरियन अंकुरित दाल, पनीर, दूध, दही का सेवन करने प्रोटीन की पूर्ति कर सकते हैं। खाने में हरी सब्जियों का अधिक सेवन करें। पाचन शक्ति को मजबूत रखें। उन्होंने बताया कि यदि खानपान सुधार लेंगे और अपनी दिनचर्या में बदल लेंगे तो कोरोना संक्रमण सर्दी, खांसी, जुखाम की तरह यह निकल जाए। इसके अलावा कोरोना के गंभीर परिणामों से बचने के लिए ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन कराएं। सरकार के दिशा-निर्देश का भी पालन करें। साबुन से हाथ धोते रहें। मास्क जरूर पहनें। योग करके इम्युनिटी करें मजबूत

बुलंदशहर : यदि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी तो संक्रमण से बचे रहेंगे। इसलिए लोग रोजाना योग करके इम्युनिटी मजबूत कर सकते हैं। सुबह उठकर स्वच्छ वातावरण में योगासन करेंगे तो कोरोना संक्रमण भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा। योगाचार्य लोगों को इसके प्रति जागरूक कर सलाह दे रहे हैं।

योगाचार्य मीना सोंधी का कहना है कि सूर्य नमस्कार, भुजंग और धनुर आसन से इम्युनिटी पावर स्ट्राक होगी। ओमकारी प्रणायाम, भस्त्रिका प्रणायाम, अनुलोम-विलोम से फेफडे़ मजबूत होते हैं। लंबी-लंबी सांसे लेने से आक्सीजन का स्तर बढ़ता है। कृत्रिम आक्सीजन लगाने की जरूरत नहीं पड़ती। उज्जाई और भस्तिका प्रणायाम करने से गले में इंफेक्शन, खराश, सूजन, कफ जमने की रोकथाम होती है। भस्तिका, अनुलोम-विलोम, ओमकारी प्रणाम करने से हृदय रोग दूर होते हैं। कपाल-भाति करने से नाभि में स्थित मणिपुर चक्र जाग्रत होता है और इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है। मधुमेह, किडनी संबंधी रोग दूर होते हैं।


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