कूड़े के ढेर में आग लगाने से बढ़ रहा प्रदूषण, एक्यूआइ 359 पर
शासन-प्रशासन वायु प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं। इसके प्रभाव को कम करने के लिए उपाय पर उपाय ढूंढ़े जा रहे हैं लेकिन लोग रोजाना जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर में आग लगाकर वायु प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। कूड़े के ढ़ेर से उठने वाला धुआं सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों से निकलने वाले धुएं से कहीं अधिक खतरा पैदा कर रहा है। सीपीसीबी की रिपोर्ट में एक्यूआइ 359 पर दर्ज किया गया है।
जेएनएन, बुलंदशहर। शासन-प्रशासन वायु प्रदूषण को लेकर चिंतित हैं। इसके प्रभाव को कम करने के लिए उपाय पर उपाय ढूंढ़े जा रहे हैं, लेकिन लोग रोजाना जगह-जगह कूड़े के ढ़ेर में आग लगाकर वायु प्रदूषण को बढ़ा रहे हैं। कूड़े के ढ़ेर से उठने वाला धुआं सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों से निकलने वाले धुएं से कहीं अधिक खतरा पैदा कर रहा है। सीपीसीबी की रिपोर्ट में एक्यूआइ 359 पर दर्ज किया गया है।
लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के चलते लोग अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। जिले में वायु की गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है। वायु प्रदूषण के प्रभाव को कम करने के लिए कई जगह तो पालीथिन, पराली व कूड़े को जलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई भी की गई है। यह अलग बात है कि लोग कार्रवाई के बाद भी डर नहीं रहे हैं। बल्कि लगातार कूड़ा जलाकर प्रदूषण बढ़ा रहे हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में गुरुवार को भी एक्यूआइ 359 पर दर्ज किया गया है। हालांकि, यह पिछले दो दिनों की अपेक्षा करीब 45 अंक कम है। प्रदूषण बढ़ने के कारण लोगों को सांस लेने तक में दिक्कत महसूस हो रही है। हालात सुधरने के बजाए लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। गुरुवार को खुर्जा क्षेत्र में कई स्थानों पर कूड़ा जला देखा गया।
- सर्दी के साथ प्रदूषण घातक
सर्दी के साथ बढ़ते प्रदूषण से लोगों को सेहत पर असर पड़ रहा है। बीमार लोगों को और ज्यादा परेशानी हो रही है। साथ ही जो स्वस्थ्य हैं, उनकी सेहत भी प्रभावित हो रही है। प्रदूषण का बढ़ता स्तर चिता का विषय बनता जा रहा है। वहीं, हवा में नमी के कारण जमे धूल के कणों से ज्यादा खतरा हो सकता है।