कच्ची शराब के पक्के धंधे पर चोट करेगी पुलिस
अलीगढ़ शराब कांड के बाद जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्रशासन एक्टिव मोड़ में आ गया है। स्थानीय पुलिस पूरी तरह से सतर्क हो गई है और पिछले 10 साल से संलिप्त कच्ची शराब के पक्का धंधा करने वालों की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है। साथ ही किसी की जरा भी संलिप्तता मिलने पर उसके खिलाफ सीधे एफआइआर दर्ज कर गैंगस्टर व गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
बुलंदशहर, जेएनएन। अलीगढ़ शराब कांड के बाद जिला ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी जिलों में जिला प्रशासन एक्टिव मोड़ में आ गया है। स्थानीय पुलिस पूरी तरह से सतर्क हो गई है और पिछले 10 साल से संलिप्त कच्ची शराब के पक्का धंधा करने वालों की कुंडली खंगालना शुरू कर दिया है। साथ ही किसी की जरा भी संलिप्तता मिलने पर उसके खिलाफ सीधे एफआइआर दर्ज कर गैंगस्टर व गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अलीगढ़ शराब कांड ने पुलिस व आबकारी विभाग की सतर्कता की पोल खोल दी है। साल के शुरुआत में आठ जनवरी को गांव जीतगढ़ी में हुए शराब कांड में आबकारी इंस्पेक्टर की ऐसी संलिप्तता उजागर हुई थी, जिसे देखने के बाद सभी हैरान रह गए। अपमिश्रित शराब के साथ पकड़े गए आरोपित को छोड़ने के एवज में लाखों की मोटी डील की और आरोपित को छोड़ दिया था। हालांकि आबकारी इंस्पेक्टर को जेल भेज दिया गया था। अब एक बार फिर अलीगढ़ शराब कांड हुआ तो जिलाधिकारी व एसएसपी लगातार अधीनस्थों से अलर्ट रहने को बोल रहे हैं। एसएसपी ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने-अपने क्षेत्र के ऐसे लोगों का चिन्हित करें जो अवैध शराब के धंधे में 10 साल से जुड़े हैं। फिर चाहे अवैध शराब में केमिकल से शराब तैयार करने वाले हों या भट्टी लगा कर कच्ची शराब बनाने वाले। इन सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाए। जिला पुलिस द्वारा हाल ही में बैठक कर गांवों में अवैध शराब का कारोबार रोकने के लिए बीट कांस्टेबल, ग्राम प्रधान, चौकीदार आदि की टीमें बनाकर कार्य करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।