हवा में फिर घुलने लगा जहर, 272 पहुंचा एक्यूआइ
बुलंदशहर कोरोना कर्फ्यू के बीच बरसते बदरा की वजह से पिछले सप्ताह ही बुलंदशहर की आबोहवा साफ हो गई थी लेकिन अब हवा में फिर से जहर घुलने लगा है। ग्रीन जोन से निकलकर प्रदूषण खतरनाक जोन की तरफ बढ़ने लगा है। बुधवार के मुकाबले गुरुवार को हवा की गुणवत्ता के सूचकांक (एक्यूआइ) 75 पायदान की उछाल दर्ज कर 272 पहुंच गया है। प्रदूषण का यह स्तर लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है।
बुलंदशहर : कोरोना कर्फ्यू के बीच बरसते बदरा की वजह से पिछले सप्ताह ही बुलंदशहर की आबोहवा साफ हो गई थी, लेकिन अब हवा में फिर से जहर घुलने लगा है। ग्रीन जोन से निकलकर प्रदूषण खतरनाक जोन की तरफ बढ़ने लगा है। बुधवार के मुकाबले गुरुवार को हवा की गुणवत्ता के सूचकांक (एक्यूआइ) 75 पायदान की उछाल दर्ज कर 272 पहुंच गया है। प्रदूषण का यह स्तर लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है।
कोरोना की चेन तोड़ने के लिए लागू लाकडाउन या कोरोना कर्फ्यू में सभी कुछ बंद होने से सिर्फ जरूरी वाहनों का आवागमन हो रहा है। कारखानों और उद्योगों की चिमनियां जहरीला धुआं नहीं उगल रही हैं। वहीं, पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से पिछले सप्ताह बरसात भी हुई। नतीजन, हवा की गुणवत्ता में सुधार आया है और सूचकांक अलग-अलग दिनों में 84 से 60 तक पहुंच गया। अब सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बढ़ने लगी है। कारखानों की चिमनियां भी धुआं उगल रही है। इससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) अब चढ़ने लगा है। बुधवार के मुकाबले गुरुवार को हवा की गुणवत्ता के सूचकांक (एक्यूआइ) 75 पायदान की उछाल दर्ज कर 272 पहुंच गया है। प्रदूषण का यह स्तर लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है।
धीरे-धीरे यह खतरनाक स्थिति में पहुंचने लगा है। इससे सांस और दिन के मरीजों की परेशानी बढ़ने लगी है।
इन्होंने कहा...
पिछले दिनों वातावरण साफ होने पर एक्यूआइ 60 तक पहुंचकर ग्रीन जोन में पहुंचा था। अब एक्यूआइ बढ़ने लगा है। बुधवार की अपेक्षा गुरुवार को एक्यूआइ काफी बढ़ गया।
आशुतोष चौहान, आरओ, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।