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खुला हाइडिल का थाना, दर्ज हुआ पहला केस

जिले में विद्युत चोरी निरोधक थाना बाइपास पर खुल गया है। हाइडिल थाने में पहला बिजली चोरी का केस जेई मनोज की ओर नाईपुरा निवासी शाहिद के खिलाफ दर्ज हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 11:21 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:05 AM (IST)
खुला हाइडिल का थाना, दर्ज हुआ पहला केस
खुला हाइडिल का थाना, दर्ज हुआ पहला केस

बिजनौर, जेएनएन:

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जिले में विद्युत चोरी निरोधक थाना बाइपास पर खुल गया है। हाइडिल थाने में पहला बिजली चोरी का केस जेई मनोज की ओर नाईपुरा निवासी शाहिद के खिलाफ दर्ज हुआ है। थाने में इस वक्त थाना प्रभारी के अलावा आठ पुलिसकर्मी तैनात हैं। अब बिजली चोरी के मुकदमें पुलिस थाने की बजाय यहीं दर्ज होंगे।

बिजली विभाग व विजिलेंस की छापेमारी में चोरी पकड़ी जाने पर सिविल थानों में मुकदमा दर्ज होते थे। जिस क्षेत्र में चोरी पकड़ी जाती थी। उस क्षेत्र के थाने में मुकदमा दर्ज होता था। बिजली चोरी के केस दर्ज होने को लेकर अकसर विवाद रहते थे। धरातल स्तर पर कम नहीं हो पा रहा था। इसलिए शासन के आदेश पर प्रदेशभर में बिजली चोरी को रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए अलग से थाने बनाने के आदेश दिए गए थे। योजना के तहत हर जिले में एक थाना खोला जाना है। थाने में बिजली चोरी का दर्ज होने के बाद वहीं पर विवेचना की जानी है। जिले में भी इस कवायद को अमलीजामा पहनाया जा चुका है। बैराज व मंडावर रोड को जोड़ने वाले बाइपास पर विद्युत चोरी निरोधक थाना खुल गया है। थाने में पहला केस 24 सितंबर को थाना हीमपुर दीपा क्षेत्र के गांव नाईपुरा निवासी शाहिद के खिलाफ हुआ है। जलीलपुर फीडर के जेई मनोज शर्मा ने यह मुकदमा दर्ज कराया है। थाने के पहले प्रभारी संदीप कुमार कसाना को बनाया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि इस वक्त उनके अलावा तीन हेड कांस्टेबल व चार सिपाही हैं।

-कार्य में तेजी व राजस्व बढ़ाना मकसद

हाइडिल थाना खुलने से राजस्व बढ़ाना और कार्य में तेजी लाना है। बिजली विभाग की छापेमारी के बाद थानों में मुकदमा दर्ज होने में समय लगता था। वहीं कुछ मामले रिपोर्ट दर्ज होने से पहले ही निपटा दिए जाते थे। अब बिजली चोरी में तत्काल रिपोर्ट दर्ज होगी। बिल के साथ-साथ जुर्माना भरने के बाद केस में फाइनल रिपोर्ट लगाई जाएगी। हाइडिल थानों से राजस्व बढ़ने की उम्मीद है। एक दारोगा पर विवेचनाओं का बोझ

हाइडिल थाने में एक दारोगा, तीन हेड कांस्टेबल व चार सिपाही का स्टाफ है। विवेचना करने का अधिकार सिर्फ दारोगा को है। इस वक्त काफी तेजी से हाइडिल थाने में केस दर्ज हो रहे हैं। सभी केसों की विवेचना का निस्तारण एक मात्र दारोगा को करना है। निस्तारण के अपेक्षा मुकदमा दर्ज होने में तेजी है। इन्होंने कहा..

विद्युत चोरी निरोधक थाने का खुल चुका है। बिजली विभाग व विद्युत विजिलेंस के मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। हाइडिल थाना बनने से कार्य में तत्परता आएगी और राजस्व में वृद्धि की होगी। जल्द ही थाने को पूरे साजो सामान से लैश किया जाएगा। स्टाफ को बढ़ाया जाएगा।

-दिनेश सिंह, एसपी पावर कारपोरेशन।


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