दो संतों की हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा
आश्रम में सो रहे दो संतों की धारदार हथियार से वार कर हत्या करने वाले अभियुक्त को न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनूपशहर ने दोषी करार दिया है। न्यायधीश ज्ञान प्रकाश तिवारी ने अभियुक्त मुरारी उर्फ राजू को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
बुलंदशहर, जेएनएन। आश्रम में सो रहे दो संतों की धारदार हथियार से वार कर हत्या करने वाले अभियुक्त को न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनूपशहर ने दोषी करार दिया है। न्यायधीश ज्ञान प्रकाश तिवारी ने अभियुक्त मुरारी उर्फ राजू को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी विजय कुमार शर्मा ने बताया कि वादी अमीचंद निवासी गांव पगौना ने 28 अप्रैल 2020 को तहरीर देकर बताया था कि वह गांव का चौकीदार है। 28 अप्रैल की सुबह पांच बजे जब वह टहलते हुए गांव के बाहर शिव मंदिर पहुंचा तो देखा कि मंदिर के आश्रम में रहने वाले महात्मा जगदीश दास उर्फ गागीदास व बाबा शेर सिंह के शव खून से लथपथ तख्त पर पड़े हुए थे। इस दौरान उसने मंदिर से गांव निवासी मुरारी उर्फ राजू को धारदार हथियार लेकर खेतों की ओर भागते हुए देखा। जिसके बाद उसने शोर मचाया तो गांव के अन्य लोग भी दौड़ कर मौके पर पहुंच गए और कुछ ग्रामीणों ने आरोपित मुरारी का पीछा किया। जिसे कुछ दूरी पर ही लोगों ने दबोच लिया था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले लिया था। साथ ही पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच पड़ताल के बाद चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी थी। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से वादी मुकदमा अमीचंद, इंद्रजीत सिंह, डा. सचिन सिंह, भानुप्रताप, उपनिरीक्षक ब्रजमोहन, हैड कांस्टेबल सुदामा यादव, निरीक्षक मिथलेश कुमार उपाध्याय, प्रभारी निरीक्षक अखिलेश कुमार त्रिपाठी की गवाही पेश की गई थी। न्यायालय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनूपशहर ज्ञान प्रकाश तिवारी ने अभियुक्त ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।