बीमार ही नहीं स्वस्थ लोगों की भी फूल रही सांस
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कतें होने लगी है। प्रदूषण का आलम ये है कि एक्यूआइ 411 पर पहुंच गया है। प्रदूषण के कारण बीमार ही नहीं स्वस्थ लोगों की भी सांस फूल रही है।
बुलंदशहर, जेएनएन। लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कतें होने लगी है। प्रदूषण का आलम ये है कि एक्यूआइ 411 पर पहुंच गया है। प्रदूषण के कारण बीमार ही नहीं स्वस्थ लोगों की भी सांस फूल रही है।
गुरुवार को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक बुलंदशहर का एक्यूआइ (एयर क्वालिटी इंडेक्स) 411 रिकार्ड किया गया। जबकि दिल्ली का एक्यूआइ 463 रिकार्ड किया गया। पराली को लेकर किसानों को बदनाम किया जा रहा है, जबकि खुर्जा और सिकंदराबाद के उद्योगों के साथ ही डीजल और पेट्रोल चलित खटारा वाहन भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। मौसम में ठंड और कोहरे की धुंध के कारण भी 10 से 15 फीसद एक्यूआइ बढ़ा हुआ है। एनजीटी के रोक लगाने के बाद भी नगर और देहात क्षेत्र में कूड़ा जलाया जा रहा है लेकिन पालिका और प्रशासन के अफसर आंखें मूंदे रहते हैं।
प्रदूषण का का सीधा असर लोगों के स्वास्थ पर पड़ रहा है। प्रत्येक पांचवां व्यक्ति सांस लेने, सीने की जकड़न, नाक या आंख की एलर्जी का शिकार हो रहा है। प्रदूषण से लोगों में कफ, आंखों में जलन, आंखे लाल होना, नाक की एलर्जी, गले की एलर्जी, सांस लेने में तकलीफ और सीने में जकड़ के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। अस्थमा के रोगियों के साथ ही बुजुर्ग, बच्चे और गर्भवती महिलाओं की परेशानी भी प्रदूषण से बढ़ी हुई है। ऐसे बरतें सावधानी
.डाक्टरी परामर्श पर इन्हेलर की डोज बढ़ा सकते हैं
.धूल, निर्माण कार्य स्थल पर जाने से बचें
.बुजुर्ग, बीमार, बच्चे और गर्भवती महिलाएं मार्निंग वाक बंद कर दें
.हेलमेट लगाकर वाहन चलाएं
.चश्मा पहनकर ही बाहर निकलें
.मुंह पर रुमाल या मास्क लगाकर ही बाइक चलाएं
.आंखों में साफ पानी से छींटे मारें
इन्होंने कहा..
फैक्ट्रियों को बंद करवाया गया। भट्ठे भी बंद हैं। खुर्जा, सिकंदराबाद समेत पूरे जिले में कोल्हू, भट्ठी और फैक्ट्रियों पर छापेमारी भी की गई। सर्दी और कोहरे के कारण मौसम में नमी होती है इससे भी प्रदूषण बढ़ा है।
-जीएस श्रीवास्तव, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
प्रदूषण बढ़ने का असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। लोग सावधानी बरतें। अस्थमा, खून की कमी वाले लोग, हृदय रोगियों को ज्यादा दिक्कत है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन 300 से मरीज सांस की दिक्कत के पहुंच रहे हैं।
-डा. केएन तिवारी-सीएमओ