न राशन, न बिजली और गांव का है नाम केसरी
क्षेत्र के नंगला केसरी गांव में सरकार की कई योजनाओं से अछूता है। आजादी के 74 साल बाद भी गांव में बिजली नहीं है।
ककोड़ : क्षेत्र के नंगला केसरी गांव में सरकार की कई योजनाओं से अछूता है। आजादी के 74 साल बाद भी गांव में बिजली नहीं है। 2008 में विद्युत लाइन जरूर खींची गई थी, लेकिन उनमें करंट आज तक नहीं दौड़ा। अब तो लाइन भी जर्जर हो चुकी है। ग्रामीणों को राशन लेने के लिए भी दूसरे गांव का चक्कर लगाना पड़ता है। इसलिए अधिकतर ग्रामीण राशन लेने नहीं पहुंचते। यहीं हाल शिक्षा का प्राइमरी स्कूल तक यहां नहीं खोला गया है। इसके लिए भी पड़ौसी गांव में जाना पड़ता है। एक हजार की आबादी वाला नंगला केसरी गांव ग्राम पंचायत झाझर से जुड़ा हुआ है। मजबूरन ग्रामीण को गांव के पास मौजूद नलकूप की लाइनों और सौर उर्जा से घरों को रोशन कर रहे हैं।
राशन के लिए भी लगती है दौड़
गांव में दो सौ परिवारों के पास राशन कार्ड हैं और हर माह ग्रामीणों के नाम का राशन भी आता है। लेकिन ग्रामीणों को राशन प्राप्त करने के लिए पड़ोसी गांव झाझर की दौड़ लगानी पड़ती है। कई बार ग्रामीण राशन की दुकान गांव में खुलवाने की मांग भी कर चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
इन्होंने कहा .
गांव में बिजली लाइन होने के बाद भी ग्रामीणों को क्यों कनेक्शन नहीं दिए गए, इसकी जांच कराई जाएगी। साथ ही अन्य समस्याओं का निदान भी कराया जाएगा।
अनुज झा, जिलाधिकारी