नववर्ष में गरीबों की मिलेगा शिक्षा का 'उजियारा'
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर : नया साल, नई उमंग, नया क्लेवर और नया सबेरा गरीबों के लिए ि
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर :
नया साल, नई उमंग, नया क्लेवर और नया सबेरा गरीबों के लिए शिक्षा की नई रोशनी लेकर आएगा। जमीन पर बैठकर पढ़ने वाले बच्चे अब फर्नीचर पर बैठकर अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे। तख्ती पर अंगुली चलाने वाले छात्र-छात्राएं नए साल में कंप्यूटर की-बोर्ड पर अंगुली चलाएंगे। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे माध्यमिक विद्यालयों को 1500 शिक्षक मिलेंगे। उच्च शिक्षा में इव¨नग कक्षाओं के साथ प्रवेश के लिए सीटें बढ़ेंगी।
वैसे तो हर नया साल कुछ न कुछ किसी न किसी क्षेत्र में नया लेकर आता है लेकिन एक जनवरी 2018 का सबेरा उमंग भरा होगा। वैसे शिक्षा के क्षेत्र में कुछ नया करने के लिए शासन प्रशासन ने तैयारी कर ली है लेकिन नए साल में उसका पूरा असर दिखना शुरू हो जाएगा।
बेसिक शिक्षा विभाग के 2475 प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। करीब दो लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। 6500 शिक्षक-शिक्षिकाएं विभाग में तैनात हैं। नया साल बेसिक शिक्षा के लिए कुछ खास होगा। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में बायोमीट्रिक मशीनें लगेंगी। शिक्षिकाओं के साथ-साथ छात्राएं भी बायोमीट्रिक मशीन से हाजिरी लगाएंगी।
इससे छात्राओं की उपस्थिति के साथ-साथ शिक्षिकाओं की उपस्थिति पर विशेष नजर रहेगी। बेसिक शिक्षा विभाग में लगभग 600 शिक्षकों की भर्ती होगी। इससे एकल और बंद विद्यालयों को खोला जा सकेगा। जनपद में काफी संख्या में एकल विद्यालय है। जिन्हें खोला जाएगा। प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय को फर्नीचर की सौगात मिलेगी।
सभी छात्र-छात्राएं फर्नीचर पर बैठते नजर आएंगे। उन्हें जमीन पर फर्स पर नहीं बैठना पड़ेगा। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में लगेंगे कंप्यूटर। बच्चे तख्ती के स्थान पर की-बोर्ड पर अंगुली चलाते नजर आएंगे।
-माध्यमिक विद्यालयों की बदलेगी काया
जनपद में नए वर्ष में माध्यमिक विद्यालयों की काया ही बदल जाएगी। इंटरमीडिएट कालेजों में सबसे बड़ी समस्या शिक्षकों की है। बिना शिक्षकों के ही विद्यालय चल रहे हैं। कई विद्यालय तो ऐसे हैं, जहां मात्र एक या दो शिक्षक हैं। आधे अधूरे कोर्सो के साथ छात्र-छात्राएं परीक्षाओं में बैठने को मजबूर होते हैं। नए साल में माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंदर करीब 1500 शिक्षक-शिक्षिकाओं की सौगात मिलेगी। इसमें 800 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाएं सेवानिवृत्त संविदा पर भर्ती किए जाएंगे। जबकि करीब 700 शिक्षक-शिक्षिकाएं आयोग से चयनित होकर आएंगे।
इससे जनपद के करीब 153 माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति सुधरेगी। इसके अलावा विद्यालयों में कंप्यूटर और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। आधे-अधूरे कोर्सों के साथ बोर्ड परीक्षा नहीं होगी। नकल विहीन परीक्षा के इंतजाम किए जाएंगे। विभाग जिलेभर में दस विद्यालयों को मॉडल विद्यालय बनाएगा। इनमें नए सत्र से सीबीएसई पैटर्न पर कंप्यूटरयुक्त कक्षाएं संचालित होंगी। डिबाई क्षेत्र के कला कसेर गांव में काफी समय पहले बनकर तैयार हुआ राजकीय कन्या इंटर तकनीकी जांच के बाद संचालित किया जाएगा। इस कालेज के लिए शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।
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- उच्च शिक्षा भी होगी रोशन
जिले में उच्च शिक्षा के लिए दो राजकीय, 50 एडेड व करीब 70 निजी महाविद्यालय हैं। सरकारी व एडेड विद्यालयों में बीते कई साल से दस प्राचार्य व 50 सहायक प्राध्यापक के पद खाली हैं। नए साल में इन पदों को भरने की उम्मदी हैं। दूसरी ओर सरकारी व एडेड विद्यालयों में तैनात शिक्षकों को सातवें वेतनमान का लाभ मिलने की आशा है। महाविद्यालयों में इव¨नग कक्षाएं संचालित होंगी। महाविद्यालयों में प्रवेश के लिए सीट बढ़ेंगी। इंटरमीडिएट पास छात्र-छात्राएं को पढ़ने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। हर साल करीब 5 से 10 हजार छात्र-छात्राओं को बाहर पढ़ने के लिए जाना पड़ता था।