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ये तबेला नहीं जनाब..राजकीय संयुक्त अस्पताल है

सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के भरकस प्रयास कर रही हो, लेकिन अफसरों की लापरवाही से अस्पतालों में गंदगी के अंबार लगे हुए हैं। इसकी बानगी सिकंदराबाद की सीएचसी में देखने का मिलती है। यह क्षेत्र के लाखों लोगों की सुविधा के लिए बनी है, लेकिन इसके निकट रहने वाले लोग इसे सीएचसी कम पशुओं का तबेला अधिक समझते हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 10:12 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 10:12 PM (IST)
ये तबेला नहीं जनाब..राजकीय संयुक्त अस्पताल है
ये तबेला नहीं जनाब..राजकीय संयुक्त अस्पताल है

सिकंदराबाद: सरकार भले ही स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के भरकस प्रयास कर रही हो, लेकिन अफसरों की लापरवाही से अस्पतालों में गंदगी के अंबार लगे हुए हैं। इसकी बानगी सिकंदराबाद की सीएचसी में देखने का मिलती है। यह क्षेत्र के लाखों लोगों की सुविधा के लिए बनी है, लेकिन इसके निकट रहने वाले लोग इसे सीएचसी कम पशुओं का तबेला अधिक समझते हैं। हैरत की बात तो यह है कि अस्पताल खुला होने के समय भी पशु यहां बंधे रहते हैं और अफसर इस ओर से आंख बंद किए रहते हैं।

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सिकंदराबाद क्षेत्र के नगर पालिका रोड स्थित राजकीय संयुक्त अस्पताल बना हुआ है। जहां जो नगरीय व देहात क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल हैं। यहां मरीजों की दिन भर भीड़ रहती है। लेकिन अस्पताल अवैध रूप से पशुओं का बांधने व छोड़ने का परिसर बना हुआ है। हालत यह है कि अस्पताल परिसर में पशुओं को छोड़ देते है। कुछ लोग तो अस्पताल में बने शौचालय के बाहर ही पशुओं को बांध देते है। जिससे जगह जगह गोबरों के जहां अंबार लगा हुआ है, वहीं अस्पताल के पीछे आवास के पास ही खाली स्थान पशुओं का गोबर व चारा डालने का स्थान बना हुआ है।इससे अस्पताल में बीमारी फैलने की आशंका बनी हुई है। साथ ही मरीजों को शौचालय जाने के लिए भी काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कभी कभी पशुओं की चपेट में आकर वे घायल भी हो जाते हैं। लेकिन अस्पताल प्रशासन इस ओर आंख मूंदे बैठा हुआ है।

इस संबंध में चिकित्सालय प्रभारी एपी ¨सह ने बताया कि अस्पताल के आसपास रहने वाले लोगों खुले पशु परिसर में घुसने से समस्या पैदा होती है। उनकी रोकथाम के लिए इस संबंध में स्थानीय प्रशासन से मदद मांगी गई है।


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