यहां तो शहर के तालाबों ने खो दी पहचान
राहुल सक्सेना, बुलंदशहर। एक दौर था जब शहरों को तालाब और पोखरों के नाम से पहचाना जाता था, वह पहचान तो
राहुल सक्सेना, बुलंदशहर। एक दौर था जब शहरों को तालाब और पोखरों के नाम से पहचाना जाता था, वह पहचान तो आज भी बरकरार है, लेकिन पहचान देने वाले तालाब और पोखर गायब हो चुके हैं। शहर के लोग आज भी उन तालाबों और पोखरों के नाम से स्थान बताते हैं। इतना ही नहीं सरकारी कागजों में भी यह तालाबों के नाम से ही स्थान पहचाने जाते हैं। इन तालाबों को पहचान दिलाने के लिए कोई पहल नहीं की जा रही है। नगर पालिका की नजर में मात्र तीन तालाब हैं।
जिले में तालाबों की संख्या 3994 है। इनमें 300 से अधिक तालाबों में पानी नहीं है। करीब 150 से अधिक तालाबों पर दबंगों ने कब्जा कर रखा है। नगर व तहसील क्षेत्रों में करीब 200 से अधिक तालाब बताए जा रहे हैं, लेकिन इनमें से अधिकतर अपनी पहचान खो दी है। अब से दो दशक पहले तक नगरीय क्षेत्र में भी जल संचय का सबसे मुख्य श्रोत तालाब, पोखर, झील और तलैया होते थे। बुलंदशहर नगर क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक तालाब थे। इन तालाबों के नाम से स्थानों को पहचाना जाता है। लोगों को कहीं जाना होता था, तो वह तालाबों का नाम बताते थे। उन्हीं तालाबों के नाम पर स्थानों, मोहल्ले एवं कालोनियों का नाम रखा गया था। गुम हो गया लाल तलाब
डिप्टीगंज के पास अंग्रेजों के समय में बड़ा तालाब था। इस तालाब को लाल पत्थर से बनवाया गया था। उसके बाद इस तालाब का नाम लाल तालाब रख दिया गया। आज यह तालाब गायब हो चुका है, लेकिन इस स्थान को आज भी लाल तालाब के नाम से ही जाना जाता है। इसी तरह कालाआम चौराहा के पास बड़ी तलैया थी। इसको लाल डिक्की के नाम से जाना जाता था। जो दो दशक में अपना अस्तित्व खो चुके हैं। धरातल से मिट चुके हैं पोखर
अनूपशहर और स्याना बस स्टैंड पर बड़ी पोखर थी लेकिन आज उसका नामोनिशान तक मिट गया है। खालसा स्कूल के पास बड़ी पोखर पर कब्जा कर लिया गया है। मोहन कुटी के पास बड़ी पोखर गायब हो चुकी है। यहां लोग ने कब्जा करके मकान बना लिए हैं। पुराने रोडवेज बस स्टैंड के पास बड़ा तालाब था, लेकिन यह तालाब भी गायब हो चुका है। इस तालाब को महाभारत से जोड़ा जाता है। चारयार रोड की बड़ी पोखर पर भी कब्जा हो चुका है। नगर पालिका के पास नहीं रिकार्ड
नगर पालिका क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक तालाब, पोखर और तलैया थे, लेकिन नगर पालिका के पास केवल रिकार्ड में तीन पोखर और तालाब ही दर्ज हैं। इनमें खालसा के पास की पोखर, चांदपुर रोड की पोखर और यमुनापुरम का तालाब है। यमुनापुरम और चांदपुर रोड के तालाब और पोखर सूखे हुए हैं। इन तीन पोखर और तालाबों के अलावा सब पर कब्जा हो चुका है। बीकेडीए ने ही लाल तालाब पर बना दी थी मार्केट
दो दशक पहले बीकेडीए ने ही लाल तालाब का भराव कराकर उस पर मार्केट बना दी थी। आज तक वह मार्केट बंद पड़ी हुई है। तालाब पर बनाई गई दुकानें क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। यह लाल तालाब बुलंदशहर की पहचान था। इन्होंने कहा..
नगर पालिका के पास केवल तीन तालाब पंजीकृत हैं। बाकी तालाबों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। अगर कुछ तालाबों पर कब्जा कर रखा है तो उनकी पड़ताल करके कब्जा मुक्त कराया जाएगा। नगर के एक तालाब में पानी है, जबकि दो तालाब सूखे पड़े हुए हैं। उन्हें जल्द भरवा दिया जाएगा।
एके ¨सह, ईओ नगर पालिका, बुलंदशहर