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रचनात्मक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए: आरती द्विवेदी

रचनात्मक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए आरती द्विवेदी बुलंदशहर जेएनएन। गुलावठ

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 11:14 PM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 11:14 PM (IST)
रचनात्मक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए: आरती द्विवेदी
रचनात्मक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए: आरती द्विवेदी

रचनात्मक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए: आरती द्विवेदी

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बुलंदशहर, जेएनएन। गुलावठी के देवनागरी महाविद्यालय द्वारा 'महिला उद्यमिता विकास, आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते कदम' विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि व्योम फाउंडेशन के निदेशक कपिल कुमार पाराशर ने कहा कि उद्यमिता एक यात्रा है। इसमें अपनी क्षमताओं की पहचान, नए विचारों पर निवेश करना और स्टार्टअप को कार्य रूप में परिणित करना शामिल है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट के बारे में उन्होंने बताया कि उद्यमिता के तहत बनाई गई वस्तुओं को इस पोर्टल के माध्यम से बाजार से जोड़ा जा सकता है। इसके लिए उन्होंने महाविद्यालय की छात्राओं को स्वयं सहायता समूह बनाने की भी सलाह दी। मुख्य वक्ता हरिवंश राय बच्चन स्नातकोत्तर महाविद्यालय कानपुर की राजनीति शास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर डा. आरती द्विवेदी ने कहा कि महिलाएं सशक्त हों, इसके लिए आवश्यक है कि आर्थिक सशक्तीकरण, गरीबी उन्मूलन, कृषि, बागवानी, सामाजिक सुरक्षा तथा सहायता कार्यक्रम जैसे रचनात्मक कार्यों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई जाए। महाविद्यालय की प्राचार्य डा. ममता शर्मा ने कहा कि महिला असुरक्षा का सबसे बड़ा परिणाम भ्रूण हत्या के रूप में सामने आता है। महिलाओं को न केवल मनोवैज्ञानिक रूप से बल्कि आर्थिक रूप से आजादी चाहिए। डा.पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि आत्मनिर्भरता के विभिन्न आयाम हैं जिसमें उनके आर्थिक सशक्तिकरण से लेकर सामाजिक भेदभाव की समाप्ति तथा महिलाओं के प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व करने तक के समस्त पहलू सम्मिलित हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर डा. मुक्ता दुबे, डा. विनय कुमार सिंह, डा. महेंद्र कुमार, कृष्ण कुमार, नरेश कुमार, डा. अवधेश कुमार सिंह, भवनीत सिंह बत्रा, हरिदत्त शर्मा, भूपेंद्र कुमार, अंकित गोयल तथा महाविद्यालय के छात्र छात्राएं सम्मिलित रहे।


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