रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं और नियमों का पालन करें
आजकल गांव से शहर तक भीड़ देखकर ऐसे लगता है कि जैसे लोग कोरोना को भूल गए हैं। ये बड़ी लापरवाही है क्योंकि अभी तक कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं आई है। भीड़ में पता नहीं कौन संक्रमित घूम रहा हो इसलिए सावधान रहें। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं और नियमों का पालन करें। सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।
बुलंदशहर, जेएनएन। आजकल गांव से शहर तक भीड़ देखकर ऐसे लगता है कि जैसे लोग कोरोना को भूल गए हैं। ये बड़ी लापरवाही है क्योंकि अभी तक कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं आई है। भीड़ में पता नहीं कौन संक्रमित घूम रहा हो इसलिए सावधान रहें। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं और नियमों का पालन करें। सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है।
नैथला के राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय के प्रभारी चिकित्सक डा. विनोद कुमार ने बताया कि लापरवाही के कारण ही कोरोना की चेन बढ़ रही है। लाकडाउन में मरीज कम थे लेकिन अब संख्या 4300 से अधिक हो गई है। एलोपैथ ही नहीं आयुर्वेद से भी महामारी का इलाज संभव है। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती है तो सावधानी ही सबसे बड़ी दवा और उपचार है। कोरोना से कतई डरने की जरुरत नहीं है। बस सावधानी बरतने की जरुरत है। सबसे पहले खानपान सही करके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाएं। आयुर्वेदिक काढ़ा नियम से पीएं। साथ ही खाने में विटामिन सी के लिए टमाटर, संतरा, नींबू, शिमला मिर्च, मौसमी आदि शामिल करें। दाल, हरी सब्जी, दूध, पनीर, अंडे को भी डाइट में शामिल करें। बुजुर्ग, बीमार और छोटे बच्चों के साथ गर्भवती महिलाओं का खास ध्यान रखें। बिना काम के घर से बाहर ना निकलें। बाहर जाएं तो मास्क पहनकर ही जाएं। घर से बाहर आएं तो शारीरिक दूरी का पालन करें। बार-बार हाथ धोने की आदत डालें। साबुन से अच्छे से हाथ धोएं। भीड़ में जा रहे हैं तो शारीरिक दूरी का पालन जरुर करें।