यहां पीटीएम में होता है दादा-दादी का 'संस्कार लेक्चर'
पब्लिक स्कूलों में होने वाली पीटीएम की तर्ज पर अगौता ब्लाक के मनोहरगढ़ी स्थित प्राथमिक विद्यालय में नई परंपरा शुरू की गई है।
बुलंदशहर: पब्लिक स्कूलों में होने वाली पीटीएम की तर्ज पर अगौता ब्लाक के मनोहरगढ़ी स्थित प्राथमिक विद्यालय में नई परंपरा शुरू की गई है। माह में एक दिन यहां बच्चों के दादा-दादी को बुलाया जाता है। इस दौरान वे बच्चों को प्रेरणादायक कहानी, किस्से सुनाने के साथ अपने अनुभव भी साझा करते हैं।
बुजुर्गो के पास पुस्तक ज्ञान के साथ-साझ अनुभव का भी भंडार होता है। उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ बच्चों को दिलाने के लिए यह पहल की गई है। दादा-दादी भी बच्चों के बीच पहुंचकर खुद को प्रफुल्लित महसूस करते हैं। दादा-दादी के लेक्चर सुनकर अब बच्चे भी रोजाना शिक्षक-शिक्षिकाओं को कोई नया विचार सुनाते हैं। बच्चों को भी इस मीटिंग में दादा-दादी के पहुंचने और उनसे कुछ सुनने का इंतजार रहता है।
'जय ¨हद' बोलकर लगती है हाजिरी
सहायक शिक्षिका दीप्ति ¨सह की पहल पर पिछले लगभग चार माह से स्कूल में दादा-दादी को बुलाने की परंपरा शुरू की गई। स्कूल में हाजिरी के समय बच्चे 'यस सर' या 'यस मैम' के बजाय 'जय¨हद' बोलते हैं। उनका मानना है कि इससे बच्चों में देशभक्ति की भावना पैदा होती है। स्कूल के बच्चों को अधिकतर प्रदेशों व उनकी राजधानी के नाम मुंह जुबानी याद हैं। इन्होंने कहा..
बुजुर्गों के अनुभव साझा करा नई पीढ़ी को सकारात्मक सोच से जोड़ने का प्रयास है। इससे बच्चों में वरिष्ठ जनों के प्रति सम्मान की भावना भी बढ़ती है।
-मुकेश कुमार शर्मा, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक स्कूल, मनोहरगढ़ी
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प्राथमिक स्कूल में बेहतरीन पहल की गई है। इससे बच्चे संस्कारवान बनेंगे। बुजुर्गों का अनुभव लेकर उनमें देशभक्ति व शिक्षा के प्रति भी रुचि बढ़ेगी। यह प्रयास सफल रहा तो अन्य स्कूलों में भी इसे लागू कराया जाएगा।
अंबरीष कुमार, बीएसए, बुलंदशहर