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झाडू और वाइपर से साफ कर रहीं गरीबी

जेएनएन बुलंदशहर कोरोना महामारी में तमाम लोगों की रोजी छिन गई लेकिन कुछ महिलाओं ने विपदा में भी रोजगार ढूंढ निकाला। उन्होंने मिलकर झाड़ू और वाइपर बनाने का काम शुरू किया। शुरू में काम छोटे स्तर पर था कामयाबी मिली तो इसका दायरा बढ़ा दिया। महिलाओं का अगला लक्ष्य अपने उत्पादों की सप्लाई सरकारी दफ्तरों में करना है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 11:27 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 11:27 PM (IST)
झाडू और वाइपर से साफ कर रहीं गरीबी
झाडू और वाइपर से साफ कर रहीं गरीबी

जेएनएन, बुलंदशहर :

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कोरोना महामारी में तमाम लोगों की रोजी छिन गई लेकिन कुछ महिलाओं ने विपदा में भी रोजगार ढूंढ निकाला। उन्होंने मिलकर झाड़ू और वाइपर बनाने का काम शुरू किया। शुरू में काम छोटे स्तर पर था, कामयाबी मिली तो इसका दायरा बढ़ा दिया। महिलाओं का अगला लक्ष्य अपने उत्पादों की सप्लाई सरकारी दफ्तरों में करना है। खास यह कि उन्होंने सिर्फ छह माह में स्वाबलंबन की यह तस्वीर पेश कर दी। शिकारपुर ब्लाक के गांव करीरा मिलक निवासी नीरज देवी के मन में महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने का भाव जागा। नीरज देवी ने गणेश स्वयं सहायता समूह गठित कर कोई ऐसा उत्पाद तैयार करने पर विचार किया, जिसकी घर से लेकर दफ्तरों तक जरूरत रहती है। मंथन के बाद झाडू और वाइपर बनाना तय किया गया। छह माह पहले शुरू किया काम

छह माह पहले 12 महिलाओं के इस समूह ने छोटे स्तर पर झाडू व वाइपर बनाना शुरू किया। आसपास के बाजारों में झाडू और वाइपर की बिक्री से अच्छा मुनाफा मिलना शुरू हो गया। मिशन से सीआइएसएफ फंड के तहत 1.20 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिली तो वाइपर जोड़ने की मशीन, झाडू कटर समेत अन्य मशीन लगा दी गईं।

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60 रुपये की झाडू, 145 का वाइपर

यहां तैयार झाड़ू 60 रुपये में और वाइपर की 145 रुपये में बिक्री हो रही हैं। झाडू और वाइपर की बिक्री से महिलाओं को अच्छी आय हो रही है। सामुदायिक शौचालयों में होगी आपूर्ति

जिलेभर के सामुदायिक शौचालयों और सरकारी दफ्तरों में झाडू और वाइपर की आपूर्ति की योजना है। ऐसा हुआ तो उनका मुनाफा और बढ़ जाएगा।

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झाडू व वाइपर की बिक्री से समूह को अच्छा मुनाफा हो रहा है। मिशन की तरफ से 1.29 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिली तो बड़े पैमाने पर काम शुरू कर दिया है। झाडू और वाइपर की बिक्री से हर महिला रोजाना 100-150 रुपये कमा लेती है। काम बढ़ने पर उनकी आमदनी भी बढ़ जाएगी।

- नीरज देवी,अध्यक्ष गणेश स्वयं सहायता समूह करीरा मिलक

----------------- करिरा मिलक में महिलाएं बड़े पैमाने पर झाडू और वाइपर बनाने का काम कर रहीं हैं। समूह को पिछले दिनों 1.20 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिशन द्वारा की गई है। अब सामुदायिक शौचालयों व सरकारी दफ्तरों में भी झाडू व वाइपर की आपूर्ति शुरू कराई जाएगी।

-केएन पांडेय, उपायुक्त स्वत: रोजगार


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