जमीन मिले तो इनर ¨रग रोड बनाएगी केंद्र सरकार
बुलंदशहर करीब दो दशक से शहर चारों और इनर ¨रग रोड के निर्माण की मांग और प्रक्रि
बुलंदशहर : करीब दो दशक से शहर चारों और इनर ¨रग रोड के निर्माण की मांग और प्रक्रिया चल रही है, लेकिन प्रक्रिया प्रस्ताव से आगे नहीं बढ़ सकी। पिछले दिनों ने पूर्व डीएम ने भी रोड को लेकर शासन का प्रस्ताव भेजा था, जिसके जवाब का इंतजार है। उधर, गुरुवार को शहर में आए केंद्र सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंच से बड़ी घोषणा कर ¨रग रोड को लेकर बड़ी उम्मीद जगा दी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सिर्फ विकास को अपने संक्षिप्त संबोधन के केंद्र में रखा। उन्होंने तेजी से विकास और रोजगार के लिए सड़कों का जाल बिछाने पर जोर दिया। साथ ही बुलंदशहर के दिल्ली के निकट होने और तेजी से विकास होने की बात भी कही। उधर, पिछले काफी समय से फाइलों में कैद इनर ¨रग रोड को लेकर की गई घोषणा ने जिले वासियों को उम्मीद जगा दी है। क्योंकि काफी समय से ¨रग रोड के निर्माण को लेकर बात तो कई मंचों पर कई गई, लेकिन ठोस आधार नहीं मिल सका। जबकि ¨रग रोड के निर्माण से बड़ा लाभ जिले वासियों के साथ पड़ोसी जनपदों से आने वाले वाहनों को भी होगा। यहां मुख्य मार्गों पर लगने वाले से जाम से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी और शहर के चारों और निर्माणाधीन हाईवे भी आपस में जुड़ जाएंगे। जिले वासियों की दशकों से जारी मांग को लेकर मंच से मंत्री ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि स्थानीय सांसद भोला ¨सह ने जिले के लिए अधिक जरूरी इनर ¨रग रोड निर्माण की चर्चा की है। हमें भी इनर ¨रग रोड का महत्व पता है। इस लिए अगर प्रदेश सरकार हमें जमीन उपलब्ध करा देगी तो हम सड़क बनाकर देंगे। उन्होंने आगे कहा कि सड़क निर्माण के संबंध में अन्य प्रतिनिधियों ने भी अपने प्रस्ताव दिए हैं। मैं उम्मीद करता हूँ की यहां के प्रतिनिधि मंत्रालय तक अन्य प्रस्ताव भी लेकर आएंगे। इन प्रस्तावों को पूरा करके ही जिले का विकास किया जाएगा।
बदल रही है तस्वीर
नितिन गडकरी ने कहा कि देश के विकास के साथ प्रदेश की भी तस्वीर बदल रही है। अब किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिल रहा है और बेरोजगारों को भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान केंद्र सरकार की प्राथमिकता में शामिल है और खेती-किसानी की दशा बदलने के लिए तमाम योजनाएं भी चलाई जा रही है। जिसके असर से यहां के किसानों की आर्थिक स्थिति बदलने लगी है।