डॉल्फिन को रास आ रही गंगा, संख्या बढ़कर 36 हुई
बिजनौर से नरौरा बैराज के मध्य 36 डॉल्फिन मिली हैं। विश्व व्यापी निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की टीम की गणना में यह आंकड़ा सामने आया है। गत वर्ष अक्टूबर में हुई गणना में 32 डॉल्फिन और एक बच्चा मिला था। इस वर्ष बाढ़ के बावजूद डाल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
बुलंदशहर, जेएनएन। बिजनौर से नरौरा बैराज के मध्य 36 डॉल्फिन मिली हैं। विश्व व्यापी निधि (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की टीम की गणना में यह आंकड़ा सामने आया है। गत वर्ष अक्टूबर में हुई गणना में 32 डॉल्फिन और एक बच्चा मिला था। इस वर्ष बाढ़ के बावजूद डाल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है, जो गंगा की स्वच्छता और डाल्फिन के लिए जल की अनुकूलता का भी प्रतीक है।
डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम ने 10 अक्टूबर से रामसर साइट के बिजनौर बैराज से डॉल्फिन की गणना का काम शुरू किया था। टीम गत मंगलवार को कर्णवास गंगा घाट होते हुए नरौरा बैराज पहुंची। कर्णवास में गंगा समिति व गंगा मित्रों ने टीम का स्वागत कर गंगा को स्वच्छ रखने का आश्वासन दिया। टीम में शामिल डब्ल्यूडब्ल्यूएफ कोआर्डिनेटर संजीव यादव ने बताया कि बिजनौर से नरौरा तक सर्वे के दौरान 33 वयस्क डॉल्फिन और तीन छोटे बच्चे मिले हैं।
इनमें से कर्णवास से नरौरा तक पांच डॉल्फिन जबकि कर्णवास में तीन डॉल्फिन व एक बच्चा मिला है। इस मौके पर प्रोजेक्ट अधिकारी शहनवाज खान, गंगा पहरी सुरेश, रामौतार के अलावा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के हिमांशु शर्मा, आर्यन गौड़, देवेंद्र सिंह, कपिल शर्मा, अरविद मीना, भूपेंद्र सिंह आदि मौजूद रहे।