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विदेशों में बुलंदशहर के लाल, चिता में परिजन बेहाल

जिले के कई युवा विदेशों में रहकर नौकरी कर रहे हैं। उनके परिजनों को चिता सताती रहती है कि विदेशों में कोरोना वायरस का संक्रमण अधिक फैल रहा है। इसलिए बुलंदशहर में बैठे युवाओं के परिजन हर रोज कभी वीडियो कॉल पर तो कभी फोन पर बातचीत करके अपने लाल से राजी खुशी की बात पूछते हैं। हालांकि बुलंदशहर के जितने भी युवा विदेशों में रह रहे है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Apr 2020 11:02 PM (IST)Updated: Sun, 05 Apr 2020 11:02 PM (IST)
विदेशों में बुलंदशहर के लाल, चिता में परिजन बेहाल
विदेशों में बुलंदशहर के लाल, चिता में परिजन बेहाल

बुलंदशहर, जेएनएन। जिले के कई युवा विदेशों में रहकर नौकरी कर रहे हैं। उनके परिजनों को चिता सताती रहती है कि विदेशों में कोरोना वायरस का संक्रमण अधिक फैल रहा है। इसलिए बुलंदशहर में बैठे युवाओं के परिजन हर रोज कभी वीडियो कॉल पर तो कभी फोन पर बातचीत करके अपने लाल से राजी खुशी की बात पूछते हैं। हालांकि बुलंदशहर के जितने भी युवा विदेशों में रह रहे है। वह पूरी तरह से सुरक्षित है और समय समय पर अपना चेक-अप भी कराते रहते हैं। इन युवाओं से दैनिक जागरण ने खास बातचीत की। इन्होंने बताया कि भारत के लोगों को भी कोरोना वायरस को गंभीरता से लेना चाहिए। यदि इस वायरस से बचना है तो लॉकडाउन का 100 फीसद पालन करना होगा। आइए बताए किस देश से किस युवा ने दैनिक जागरण से बातचीत की। देश : आयरलैंड

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नाम : प्रणय गौतम

यमुनापुरम कालोनी के रहने वाले अनिरुद्ध गौतम के छोटे बेटे प्रणय गौतम आयरलैंड के डबलन शहर में मौजूद है। वह यहां की मल्टीनेशनल कंपनी इंसाइट फुल मीडिया में मार्केटिग मैनेजर है। प्रणय ने बताया कि जब से कोरोना वायरस दुनियां में फैला है। तभी से उनका देश लॉकडाउन है। सुबह और शाम के समय दो घंटे मिलते है। अपने घर के दो किलोमीटर के दायरे के अंदर ही लोग जरूरतमंद सामान खरीद सकते हैं। दुकान पर केवल एक ही व्यक्ति जाता है। वह भी पूरी तरह से सैनिटाइज होगा। हाथों में ग्लब्स होंगे। चेहरे पर मास्क होगा। तभी सामान मिलेगा। जर्मनी में लगभग चार हजार केस मिल चुके हैं। 130 से अधिक की मौत हो चुकी है। देश : जर्मनी

नाम : तरुण कौशिक

शहर के डीएम रोड निवासी रैनेसा पब्लिक स्कूल के मालिक अनिल शर्मा के बेटे तरुण कौशिक जर्मनी के शहर बर्लिन में नौकरी करते हैं। वह कैप जैमिनाई नामक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। तरुण का कहना है कि जर्मनी के हालात वैसे तो सामान्य है, लेकिन सरकार ने पूरी तरह से सख्ती की हुई है। यहां पर भी हजारों केस कोरोना वायरस के मिल चुके है। सैकड़ों की मौत हो चुकी है। तरुण का कहना है कि जर्मनी की सरकार भी लगातार सख्ती बरते हुए है। लोगों को लॉकडाउन का पालन करने की सलाह दे रही है। देश : अमेरिका

नाम : वैभव

शहर के डीएम रोड निवासी वैभव वशिष्ठ अमेरिका के न्यूयार्क शहर में एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करते हैं। उन्होंने फोन पर बताया कि अमेरिका के हालात अधिक खराब है। यहां पर लगभग तीन लाख लोग कोरोना संक्रमित मिल चुके हैं। साढ़े सात हजार से अधिक मौत हो चुकी है। हालांकि अमेरिका के डॉक्टरों ने लगभग 15 हजार कोरोना संक्रमित मरीजों को बचा लिया है। अमेरिका की कई लैब में इस वायरस को मारने की दवाई को लेकर काम चल रहा है। यह बोले परिजन

यमुनापुरम कालोनी के रहने वाले प्रणय गौतम के पिता अनिरुद्ध गौतम का कहना है कि वह बेटे से रोजाना बात करते हैं, लेकिन फिक्र तभी भी रहती है। हालांकि वह पूरी तरह से सुरक्षित और स्वस्थ है। इसी तरह से तरुण और वैभव के परिजन भी चितित रहते हैं, लेकिन उन्हें वीडियो कॉल करके सुकून मिलता है।


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