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नकली डीएपी बनाने का कारखाना पकड़ा, दो गिरफ्तार

बुलंदशहर जेएनएन। नकली डीएपी (खाद) बेचकर लाखों रुपये कमाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को स्वाट और कृषि विभाग की टीम ने बुधवार को दबोच लिया। आरोपित स्याना रोड स्थित गोदाम में 400 रुपये का कैल्शियम नामचीन कंपनियों के बोरों में भरकर किसानों को 1200 रुपये में बेचते थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 12:02 AM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 12:02 AM (IST)
नकली डीएपी बनाने का कारखाना पकड़ा, दो गिरफ्तार
नकली डीएपी बनाने का कारखाना पकड़ा, दो गिरफ्तार

बुलंदशहर, जेएनएन। नकली डीएपी (खाद) बेचकर लाखों रुपये कमाने वाले गिरोह के दो सदस्यों को स्वाट और कृषि विभाग की टीम ने बुधवार को दबोच लिया। आरोपित स्याना रोड स्थित गोदाम में 400 रुपये का कैल्शियम नामचीन कंपनियों के बोरों में भरकर किसानों को 1200 रुपये में बेचते थे। पूछताछ में सामने आया कि अलीगढ़ और हापुड़ में भी उन्होंने हजारों किसानों को नकली डीएपी बेची है। कृषि उपनिदेशक आरपी चौधरी ने अलीगढ़ और हापुड़ जिला कृषि अधिकारियों को जांच करने के लिए पत्र लिखा है। पकड़े गए आरोपितों को जेल भेज दिया।

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कृषि विभाग के अधिकारियों को कुछ दिन पहले शिकायत मिली थी कि कुछ लोग विभिन्न नामचीन कंपनियों के नाम पर नकली डीएपी बनाकर किसानों को बेच रहे हैं। स्वाट और कृषि विभाग ने जांच के बाद स्याना रोड स्थित मुनेश कुमार के मकान पर छापेमारी की। जहां बड़ी संख्या में नकली डीएपी के बोरे बरामद हुए। टीम ने वहां से दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में इन्होंने अपने नाम अवधेश कुमार निवासी पवसरा अगौता, हाल निवासी धमैड़ा अड्डा बुलंदशहर और अशोक कुमार गोयल निवासी हाता अग्रसैन, गढ़ रोड हापुड़ बताया। आरोपितों ने अलीगढ़ के गांव कशीशो, खैर और बारादरी में भी नकली खाद और डीएपी बेचने की बात स्वीकार की है।

खाली बोरे और कैल्शियम बरामद

आरोपितों ने स्याना अड्डा स्थित मुनेश कुमार के मकान को किराये पर लेकर उसमे गोदाम बना रखा था। टीम को मौके से 22 बैग नामचीन ब्रांड के भरे हुए, 78 बैग कैल्शियम और बोरे सिलाई करने की मशीन मिली।

ऐसे बढ़ रहा नकली खाद का कारोबार

हापुड़ से 800 रुपये प्रति कुंतल की दर से रिजेक्ट कैल्शियम खरीदकर इसमें कलर आदि लगाकर नामचीन कंपनियों के खाली बोरों में भरा जाता है। इसे सप्लाई करने के लिए किसानों से गांव-गांव संपर्क कर अपनी दुकान बंद करने की बात कहकर 1150 रुपये के बजाए 1100 रुपये में बेच देते थे।

इनका कहना है..

समय-समय पर औचक निरीक्षण और छापेमारी होती रहती है। जनपद में नकदी खाद, रसायन व डीएपी का कारोबार नहीं होने दिया जाएगा।

-अश्विनी कुमार, जिला कृषि अधिकारी।


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