उपभोक्ताओं को झटका दे रहा बिजली का बिल
बिजली अफसरों की लापरवाही के चलते बीस हजार से अधिक उपभोक्ताओं को फिक्स बिल करंट से ज्यादा झटका दे रहा है। मीटर लगने के बाद भी उनसे फिक्स बिल 910 रुपये प्रतिमाह ही वसूला जा रहा है। आर्थिक मार झेल रहे उपभोक्ता बिजली दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
बुलंदशहर, जेएनएन। बिजली अफसरों की लापरवाही के चलते बीस हजार से अधिक उपभोक्ताओं को फिक्स बिल करंट से ज्यादा झटका दे रहा है। मीटर लगने के बाद भी उनसे फिक्स बिल 910 रुपये प्रतिमाह ही वसूला जा रहा है। आर्थिक मार झेल रहे उपभोक्ता बिजली दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।
सौभाग्य योजना से कनेक्शन से वंचित लोगों को मुफ्त कनेक्शन दिए गये। साथ ही उन घरों पर भी मीटर लगाये गये, जिन पर कनेक्शन तो था। लेकिन मीटर नहीं था। मीटर से बिलिग कराने के लिए सरकार पूरा जोर दे रही है। बावजूद इसके उपभोक्ताओं से फिक्स बिल ही वसूला जा रहा है। फिक्स बिल से उपभोक्ताओं को प्रतिमाह चार से पांच सौ रुपये का नुकसान हो रहा है। जब बिल सही कराने उपभोक्ता बिजली दफ्तर जाते हैं तो जवाब मिलता है, कि पूरा जमा कर दो वरना ब्याज भी लगेगा और मोटा बिल लगेगा। मीटर लगाने वाली एलएनटी कंपनी के कर्मचारी ढूंढे नहीं मिलते हैं।
उपभोक्ताओं का दर्द
लोग सर्दी में दो से तीन एलईडी लाइट जलाते हैं और टीवी देखते हैं। एक-दो उपकरण और भी प्रयोग करें तो मीटर से 350 से 450 रुपये के बीच बिजली का बिल आता है। लेकिन बिन रीडिग के 910 रुपये बिल चुकाना पड़ रहा है।
-रविकांत शर्मा, नई बस्ती
अनमीटर्ड बिल सही कराने के लिए बिजली दफ्तर जाते हैं तो तरह-तरह के बहाने कर्मचारी बनाते हैं। एक दूसरे कर्मचारी की गलती बताकर टरकाते हैं। इससे उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
-प्रदीप कुमार
जंप की भी दिक्कत
-मीटर जंप की दिक्कत भी बरकरार चल रही है। मीटर जंप करता है और रीडिग बढ़ जाती हैं। बिल अधिक आता है और फिर उपभोक्ता को दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ते हैं। कई बार उपभोक्ताओं को टेस्ट मीटर तक लगवाने पड़ रहे हैं।
इन्होंने कहा..
पहले समय बहुत थी। अब काफी संख्या में उपभोक्ताओं के मीटर सिस्टम पर चढ़ गए हैं। जिन उपभोक्ताओं की समस्या शिकायत के बाद भी हल नहीं हो रही। वह मेरे दफ्तर आकर शिकायत करें। जिम्मेदार पर कार्रवाई करेंगे।
-आरपीएस तोमर, चीफ इंजीनियर