जल्द ही फिर से शुरू हो सकते हैं कोविड अस्पताल
कई राज्यों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देख कर जिला प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरे बढ़ना शुरू हो गई हैं।
बुलंदशहर जेएनएन। कई राज्यों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देख कर जिला प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरे बढ़ना शुरू हो गई हैं। यह लाजमी भी इसलिए है क्योंकि दिल्ली के मुहाने पर बसे होने की वजह से दिल्ली के रास्ते कोरोना संक्रमण फिर से यहा तेजी से फैल सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग सतर्कता बरतने लगा है। बाकायदा सीएमओ ने आपात स्थिति की संभावना को देखते हुए जिले में बंद हो चुके कोविड अस्पताल फिर से सक्रिय करने की तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही कोविड अस्पताल के लिए स्टाफ को भी अलर्ट पर दिया है।
कोरोना संक्रमण मरीजों का उपचार करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दो एल-1 अस्पताल और एक एल-2 अस्पताल खोले गए थे। पिछले साल तब अक्तूबर से संक्रमितों की संख्या घटना शुरू हो गई थी तो जिले में चल रहे तीनों कोविड अस्पतालों का संचालन बंद कर दिया था। अब एक बार फिर से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ना शुरू हो गई है। एक्टिव मरीज 16 हो गए हैं। विभाग मान रहा है कि लेागों की लापरवाही की वजह से कोरोना फिर से बेकाबू हो सकता है, लेकिन आम शहरी अपनी जिम्मेदारी समझने को तैयार नहीं है। सीएमओ डा. भवतोष शखधर ने कोरोना संक्रमण के बढ़ रहे खतरे को देखते हुए विभाग को अलर्ट कर दिया है। साथ ही 70 बेड के कोविड अस्पताल को सक्रिय कर दिया है, ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत उसे चालू किया जा सके। उन्होंने कहा कि अभी एक ही मरीज अस्पताल है बाकि होम आइसोलेट हैं। साथ ही कोविड ड्यूटी के लिए स्टाफ को आदेश जारी कर दिया गया है। जिससे जरूरत पड़ने पर स्टाफ को बुलाया जा सके। संभलना होगा: 94 मौत के बावजूद गंभीर नहीं हो रहे जिलेवासी
बुलदंशहर: अब एक बार फिर संभलने की जरूरत है लेकिन आम शहरी लगातार लापरवाह हो रहा है। पिछले साल मार्च में जब जिले में कोरोना ने दस्तक दी थी, तब लोग इतना परहेज कर रहे थे कि, जरूरी काम होने के बाजवूद घरों में दुबके हुए थे लेकिन अब जब संक्रमितों की संख्या छह हजार से भी ज्यादा पहुंच चुकी है तो लोग लापरवाह होकर सैर-सपाटा कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि जिले में कोरोना संक्रमण से अब तक 94 की जान चुकी है।
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पिछले साल 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगा और इसके अगले रोज से यह लाक डाउन में बदल गया। इस दौरान, रेल व बस सहित सभ तरह के परिवहन को रोक दिया गया था। जो जहा था, वहीं फंस कर रह गया। जिले में कोरोना का पहला मरीज मार्च के अंतिम सप्ताह में मिला था। जनपद में पहले मरीज की पुष्टि होने के बाद लोग ऐसे सहम गए थे कि गली-मोहल्ले भी सुने रहते थे।लेकिन अब जब फिर से कोरोना संक्रमण फैलना शुरू हुआ है तो लोग जरा भी जिम्मेदारी नहीं बन रहे हैं। लोगों ने मास्क पहनना छोड़ दिया है। बाजार हो या मॉल या फिर कोई सामाजिक व राजनीतिक कार्यक्रम सभी जगह दो गज की दूरी की भी धज्जिया उड़ रही हैं। अब ऐसा लगने लगा है कि जिलेवासी धैर्य ही खो बैठे। जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6280 से भी ज्यादा हो चुकी है, जो लगातार बढ़ ही रही है। सीएमओ डा. भवतोष शखधर ने बताया कि लोगों को अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी को समझना होगा, नहीं तो फिर से पहले जैसे हालात हो जाएंगे।