करोड़ों की लागत से बना डिपो की दीवारों से दरकने लगा सीमेंट
आधुनिक तरीके से लैस नवनिर्मित सिकंदराबाद डिपो के निर्माण में बरती गई लापरवाही दो माह में सामाने आने लगी है।
संवाद सहयोगी, सिकंदराबाद:
आधुनिक तरीके से लैस नवनिर्मित सिकंदराबाद डिपो के निर्माण में बरती गई लापरवाही दो माह में सामाने आने लगी है। साढ़े सात करोड़ की लागात से बने डिपो में कई स्थानों पर दीवारों से सीमेंट छुटना शुरू हो गया है, जिसे लेकर कार्यदायी संस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सिकंदराबाद रोडवेज डिपो का पीपी मॉडल के तहत आधुनिक डिपो का निर्माण हुआ है। कुल 7.66 करोड़ का बजट पास हुआ था। डिपो का मुख्य सड़क से ऊंचा परिसर, यात्रियों को बैठने के लिए आधुनिक सुविधा युक्त परिसर, डिपो से आने जाने वाली बसों के डिस्पेच होने के लिए तय स्थान, शुलभ शौचालय, नहाने, एटीएम व रात्रि में विश्राम के साथ कैंटीन के साथ-साथ एआरएम, डिपो प्रभारी समेत विभिन्न पटलों के कार्यालय बने है। फरवरी माह में आनन फानन कार्यालय से संचालित डिपो को नए डिपो परिसर में स्थानांतरित करा दिया गया था। यात्रियों को बैठने लिए बेंचों की व्यवस्था नहीं, वहीं मानक अनुरूप सामग्री न लगने से दीवारों से सीमेंट दरकने लगा है। कर्मचारियों के कमरों की दीवारों पर दरार पड़ने लगी है। साथ ही दरवाजों के ऊपर से प्लास्टर टूटने लगा है। जिसको लेकर कार्यदायी संस्था के ठेकेदार पर कर्मी मानक अनुरूप सामग्री न लगाने का आरोप लगा रहे हैं।
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डिपो दो माह बाद ही कमरे आफिसों की दीवारों पर दरार आने लगी है। इसके संबंध में ठेकेदार को अवगत करा दिया गया है। जिसके द्वारा शीघ्र जांच कर खामियों को दूर करने का आश्वासन दिया है।
ममता सिंह, एआरएम
सिकंदराबाद डिपो।
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