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काली नदी का बने पुल, तो दर्जनों गांवों की राह हो आसान

देहात के दर्जनों गांवों से जोड़ने के लिए चौढ़ेरा-बरकातपुर के बीच काली नदी पर पुल की मांग काफी दिनों से अधर पर लटकी है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 11:44 PM (IST)Updated: Sun, 08 Sep 2019 06:21 AM (IST)
काली नदी का बने पुल, तो दर्जनों गांवों की राह हो आसान
काली नदी का बने पुल, तो दर्जनों गांवों की राह हो आसान

बुलंदशहर, जेएनएन: देहात के दर्जनों गांवों से जोड़ने के लिए चौढ़ेरा-बरकातपुर के बीच काली नदी पर पुल की मांग काफी दिनों से अधर पर लटकी है। ग्रामीणों को आने-जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। काफी लोग नाव में बैठकर और काफी लोगों को कई किलोमीटर चक्कर काटकर छतारी पहुंचने पर मजबूर हैं।

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छतारी क्षेत्र से होकर गुजर रही काली नदी ने क्षेत्र के गांवों को दो भागों में विभाजित कर दिया है। इसका कारण काली नदी पर पुल का नहीं होना है। ऐसे में देहात में जाने के लिए लोगों को काफी घूमकर जाना पड़ता है। जिस कारण क्षेत्रीय लोग गांव चौढेरा के निकट काली नदी पर पुल निर्माण की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग को लगातार दरकिनार किया जा रहा है। लोगों ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारियों से उन्होंने शिकायत की थी, तो नहर पर पुल बनने के लिए डीएम साहब के पास प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन वह प्रस्ताव अधर में लटका पड़ा है। अगर गांव चौढेरा के निकट काली नदी पर पुल का निर्माण हो जाए, तो क्षेत्र के गांव चौढेरा, मदनपुर, समसपुर, नरायनपुर, नगला बंजारा, लधुपुरा, सालाबाद, रुंसी, अहमदाबाद, बदरखा, बिकूपुर, रामनगर, कीरतपुर सहित जयरामपुर के लोगों सहित छात्र-छात्राओं को शिक्षा ग्रहण करने में काफी राहत मिलेगी। इतना ही नहीं जब लोगों की संख्या कस्बे में बढ़ेगी, तो लोगों को कस्बा में रोजगार की मिलेगा। किसानों की अनाज मंडी जाने के लिए सीधा रास्ता होगा।

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मजबूरी में नाव का लेते हैं ग्रामीण सहारा:

गांव चौढेरा के निकट दर्जनों गांव के लोग आरपार जाने के लिए मजबूरी में नांव का सहारा लेते हैं। क्योंकि अगर उन्हें दूसरी तरफ जाना पड़ता है, तो उन्हें कई किलोमीटर का फेर करना पड़ता है। साथ ही समय भी लगता है। ऐसे में लोग नांव के सहारे अपना सफर तय करते हैं। जिससे उनकी दूरी के साथ-साथ समय भी बच सके।

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काली नदी पर गांव चौढेरा के निकट पुल निर्माण की मांग लगातार की जा रही है। जिससे दर्जनों गांवों के लोगों की राह आसान होगी। इसी तरफ जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए।

---रामकुमार, निवासी गांव चौढ़रा।

गांव चौढ़रा के निकट काली नदी का पुल नहीं होने से दर्जनों गांवों के ग्रामीणों की राह लंबी हो रही है। शिकायतों के बाद भी कोई सुनवाई होती दिखाई नहीं दे रही है।

---खेम सिंह, निवासी गांव समसपुर।

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इन्होंने कहा..

क्षेत्रीय लोगों की समस्याओं के आधार पर शासन को पत्र लिखकर जल्द ही काली नदी पर पुल निर्माण का प्रस्ताव भेजा जाएगा।

--अनिल शर्मा, विधायक शिकारपुर एवं राज्य मंत्री उत्तर-प्रदेश।


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