छिपकर पहुंचे थे अयोध्या.. जयघोष ने बदल दिया था माहौल
अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस को लेकर सीबीआइ कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया तो लोग पुरानी यादों में डूब गए।
बुलंदशहर, जेएनएन। अयोध्या में विवादित ढांचा विध्वंस को लेकर सीबीआइ कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया तो लोग पुरानी यादों में डूब गए। कार सेवक के रूप में करीब डेढ़ हजार लोग यहां से अयोध्या रवाना हुए थे, लेकिन सैकड़ों की संख्या में ही प्रभु की नगरी तक पहुंच सके। पुलिस के पहरे को तोड़कर अयोध्या पहुंचे लोग विध्वंस के क्षणों के साक्षी बने।
अयोध्या ढांचा विध्वंस पर सीबीआइ कोर्ट के निर्णय को लेकर बुधवार को लोगों की निगाह टीवी पर जमी रही। फैसला आते ही फोन पर एक-दूसरे से चर्चा शुरू की। ऐसे तमाम लोग इस फैसले से खुद को जोड़े हुए थे जो विध्वंस के समय अयोध्या में मौजूद थे। कार सेवक के रूप में अयोध्या जाने की एक दिसंबर से ही तैयारी शुरू हो गई थी। बस, ट्रेन व निजी वाहनों से भी लोग रवाना हुए। अधिकांश को पुलिस ने रास्ते से ही वापस भेज दिया था। कुछ लोग छिपते-छिपाते प्रभु की नगरी तक पहुंच गए।
---
बोले प्रत्यक्षदर्शी
किसी प्रकार अयोध्या तक तो पहुंच गए, लेकिन अंदर जाने के सभी रास्तों पर पुलिस का सख्त पहरा था। हमने हिम्मत नहीं हारी और छिपकर दिन गुजारा। इसके बाद शाम को हम अपने जत्थे के साथ वापस बुलंदशहर के लिए रवाना हो गए।
- उमेश चंद्र शर्मा, शिकारपुर
---
तब पढ़ाई पूरी कर वकालत शुरू ही की थी। साथियों के साथ हम भी अयोध्या रवाना हो गए। किसी प्रकार छह दिसंबर को अयोध्या पहुंचे। यहां का माहौल पूरी तरह से राममय था।
- नवीन कुमार, अधिवक्ता, केशवपुरी खुर्जा