कातिलाना हमले में आरोपित को 10 साल की सजा
छह साल पहले मामूली बात को लेकर चाकू घोंप कर जख्मी किए जाने के मामले में अदालत ने आरोपित को 10 साल कैद व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
जेएनएन, बुलंदशहर। छह साल पहले मामूली बात को लेकर चाकू घोंप कर जख्मी किए जाने के मामले में अदालत ने आरोपित को 10 साल कैद व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक विपुल कुमार राघव ने बताया कि वादिया द्रौपदी पत्नी रामभूल ने 27 फरवरी 2014 को थाना सिकंदराबाद में मुकदमा दर्ज कराया था। बताया था कि उनके बेटे देवी सिंह की 27 फरवरी को ओम पैलेस के पास से मीट खरीदने गया था। वहां देवी सिंह की नौशाद उर्फ भाईजी से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। विवाद इतना बढ़ा कि नौशाद ने चाकू घोंप कर देवी सिंह को अधमरा कर दिया था। जांच के बाद पुलिस ने नौशाद के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी। एडीजे इंदिरा सिंह ने तमाम साक्ष्यों व गवाहों के बाद नौशाद को आरोपित करार दिया और 10 साल कैद व 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। गवाह पर हमले के चार हमलवरों को सात साल कैद
बुलंदशहर। 10 साल पहले झगड़े के गवाह पर हमला करने के मामले में अदालत ने नामजद सात अरोपितों को मुजरिम करार दिया। चारों हमलावरों को सात-सात साल कैद व एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजेश कुमार गुप्ता ने बताया कि थाना खुर्जा के गांव सारंगपुर निवसी रविद्र के ऊपर 10 जून 2010 को जानलेवा हमला हो गया था। उसी रोज उनके भाई योगेंद्र सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था। रविद्र झगड़े के मामले में गवाह थे। इसी वजह से लखपत, नीरज, धर्मवीर व उसका भाई मुकेश रंजिश रंजिश रखते थे और 10 जून सुबह हमला कर दिया था। एफआइआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल कर चारों के खिलाफ चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी। एडीजे हेमंत कुमार द्वितीय ने चारों को मुजरिम करार देते हुए सात-सात साल सश्रम कैद व एक-एक हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।