94 मौत के बावजूद गंभीर नहीं हो रहे लोग
अब एक बार फिर संभलने की जरूरत है लेकिन आम शहरी लगातार लापरवाह हो रहा है। पिछले साल मार्च में जब जिले में कोरोना ने दस्तक दी थी तब लोग इतना परहेज कर रहे थे कि जरूरी काम होने के बावजूद घरों में दुबके हुए थे लेकिन अब जब संक्रमितों की संख्या छह हजार से भी ज्यादा पहुंच चुकी है तो लोग लापरवाह होकर सैर-सपाटा कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि जिले में कोरोना संक्रमण से अब तक 94 की जान चुकी है।
बुलदंशहर, जेएनएन। अब एक बार फिर संभलने की जरूरत है, लेकिन आम शहरी लगातार लापरवाह हो रहा है। पिछले साल मार्च में जब जिले में कोरोना ने दस्तक दी थी, तब लोग इतना परहेज कर रहे थे कि, जरूरी काम होने के बावजूद घरों में दुबके हुए थे लेकिन अब जब संक्रमितों की संख्या छह हजार से भी ज्यादा पहुंच चुकी है तो लोग लापरवाह होकर सैर-सपाटा कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि जिले में कोरोना संक्रमण से अब तक 94 की जान चुकी है।
कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए पिछले साल 22 मार्च को जनता कर्फ्यू लगा और इसके अगले रोज से यह लाक डाउन में बदल गया। इस दौरान, रेल व बस सहित सभ तरह के परिवहन को रोक दिया गया था। जो जहां था, वहीं फंस कर रह गया। जिले में मार्च के अंतिम सप्ताह में पहले मरीज की पुष्टि होने से लोग ऐसे सहम गए थे कि गली-मोहल्ले भी सुने रहते थे। लेकिन अब जब फिर से कोरोना संक्रमण फैलना शुरू हुआ है तो लोग जरा भी जिम्मेदार नहीं बन रहे हैं। लोगों ने मास्क पहनना छोड़ दिया है। बाजार हो या मॉल या फिर कोई सामाजिक व राजनीतिक कार्यक्रम सभी जगह दो गज की दूरी की भी धज्जियां उड़ रही हैं। जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 6280 से भी ज्यादा हो चुकी है, जो लगातार बढ़ ही रही है। सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि लोगों को अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी को समझना होगा, नहीं तो फिर से पहले जैसे हालात हो जाएंगे।