लीकेज से रोज हो रहा पांच हजार लीटर पानी बर्बाद
सिकंदराबाद: यूं तो सरकारी सिस्टम जल संरक्षण के लिए अभियान चलाकर तमाम दावे करता है, लेकि
सिकंदराबाद: यूं तो सरकारी सिस्टम जल संरक्षण के लिए अभियान चलाकर तमाम दावे करता है, लेकिन पालिका की लापरवाही के चलते नगर में प्रतिदिन पांच हजार से लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। कहीं पाइप लाइन लीकेज है तो कहीं पर टोटियों से पानी बहता है। बावजूद इसके पालिका का दावा है कि शहर में कहीं पर भी पानी बर्बाद नहीं हो रहा है।
पालिका की तरफ से सुबह व शाम पानी की शहर में सप्लाई होती है। शहर में लगभग 55 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन है। शहरवासियों के मुताबिक शहर में कई स्थानों पर पानी की पाइपलाइन लीक है। वार्ड 14 में गुलावठी रोड पर ओम पैलेस की पुलिया के नीचे पाइप लाइन फटी हुई है। सप्लाई खुलते ही यहां तेजी से पानी बहकर नाले में गिरने लगता है। अब तो हालत ये है कि पानी का रिसाव के कारण पुलिया धंसने लगी है। सभासद पति शहनवाज का कहना है कि उन्होंने दो माह पहले लीकेज की शिकायत की थी, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ। अनुमान है कि इस लीकेज से दिनभर में सप्लाई के दौरान करीब 1500 लीटर पानी बर्बाद होता है। यदि नगर में पांच लीकेज भी हुए तो साढ़े सात हजार लीटर पानी बर्बाद होता है। पालिका का दावा है कि पूरी पाइप लाइन की मरम्मत कराई गई है। कहीं से लीकेज की शिकायत नहीं है। जबकि हकीकत पालिका के दावे की पोल खोल रहे हैं। शहर में कई स्थानों पर पुराने पाइप फटे हुए हैं, इनसे हजारों लीटर पानी रोजाना बर्बाद हो रहा है।
वहीं, गद्दीवाड़ा मोहल्ले में जैन मंदिर के निकट नाले के ऊपर से गुजर रही पाइप लाइन दो स्थानों से फटी हुई है। सप्लाई शुरू होते ही फटे पाइप से पानी निकलकर नाले में गिरना रहता है। लोगों का कहना है कि यह समस्या कई महीने से है, शिकायत के बाद भी समाधान नहीं हुआ। पालिका के जलकल विभाग के वरिष्ठ लिपिक वीरेंद्र ¨सह का कहना है कि हाल में पाइप लीकेज की शिकायत नहीं मिली है। गंदा पानी पीने को मजबूर नागरिक
नाले के ऊपर से गुजर रही पेयजल की लाइन फटने के कारण लगता है कि लोग गंदा पानी पीने को मजबूर है, क्योंकि जब नाले में पानी व गंदगी अधिक होती है तो पाइप लाइन डूब जाती है। इससे स्वाभाविक है फटे पाइप में नाले का पानी घुस जाता होगा और वह सीधे लोगों के घरों तक पहुंचता है।
इन्होंने कहा..
शहर में कहीं से भी पेयजल पाइप लाइन से पानी लीकेज की शिकायत मिलती है तो उसे तत्काल ठीक कराया जाएगा। पानी बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।
- डा. वेदप्रकाश मिश्रा, एसडीएम एवं प्रभारी ईओ नगरपालिका।