रजिस्टर में दर्ज 30 फीसद मोबाइल नंबर मिले गलत
स्वास्थ्य विभाग में रैपिड एंटीजन किट के घपले में लैब टेक्नीशियन द्वारा बनाए गए रजिस्टर की जांच पूरी हो गई है। कोरोना की जांच करने वाले लैब टेक्नीशियन के रजिस्टर में तीस फीसद लाभार्थियों के मोबाइल नंबर गलत दर्ज हैं।
जेएनएन, बुलंदशहर। स्वास्थ्य विभाग में रैपिड एंटीजन किट के घपले में लैब टेक्नीशियन द्वारा बनाए गए रजिस्टर की जांच पूरी हो गई है। कोरोना की जांच करने वाले लैब टेक्नीशियन के रजिस्टर में तीस फीसद लाभार्थियों के मोबाइल नंबर गलत दर्ज हैं। जांच अधिकारी का मानना है कि संविदा के लैब टेक्नीशियन स्वयं से घोटाला करने की हिम्मत नहीं जुटा सकते। अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट शीघ्र ही सीएमओ को सौंप दी जाएगी।
जांच अधिकारी एसीएमओ डा. नरेश गोयल ने लैब टेक्नीशियन हिमांशु गुप्ता, लोकेश कुमार, गौरव गौड़, हेमेंद्र कुमार, दीपक कुमार, राहुल पिपल और राजेश कुमार द्वारा की गई जांच का पूरा डाटा खंगाला है। उन्होंने बताया कि लैब टेक्नीशियन के रजिस्टर में दर्ज मोबाइल नंबरों में से अधिकांश नंबरों पर फोन करके लाभार्थियों से पूछा गया जिसमें से 30 फीसद ने बताया कि उनकी कोरोना जांच कभी नहीं हुई है। सभी लैब टेक्नीशियन के रजिस्टर में जितने नंबर फर्जी मिले हैं उनकी जांच अधिकारी ने लिस्ट तैयार की है। चिह्नित किए गए फर्जी मोबाइल नंबर वाले लाभार्थियों के पते के अनुसार ही एसीएमओ स्वयं जांच करेंगे। जांच अधिकारी एवं एसीएमओ डा. नरेश गोयल का कहना है कि अधिकांश टेक्नीशियन संविदा कर्मचारी हैं। अब तक की पूछताछ में पता चला है कि चीफ फार्मासिस्ट जगदीश तेवतिया के इशारे पर पूरा खेल हुआ है। जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी जाएगी। उधर, चीफ फार्मासिस्ट जगदीश तेवतिया का कहना है कि स्टोर से रैपिड एंटीजन देने के बाद क्या हुआ मुझे कुछ पता नहीं है। मैंने अपना स्पष्टीकरण दे दिया है।