पराली जलाने वाले 22 किसानों पर मुकदमा
चेतावनी के बावजूद पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे किसानों पर शिकंजा कस गया है।
बुलंदशहर, जेएनएन : चेतावनी के बावजूद पराली जलाने से बाज नहीं आ रहे किसानों पर शिकंजा कस गया है। कृषि विभाग की टीम ने जिले में पराली जलाने वाले 22 किसानों को चिन्हित किया है। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने की कार्रवाई की गई है।
एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के कारण सांस लेना मुश्किल हो रहा है। इसके चलते एनजीटी ने दिल्ली से सटे जनपदों में पराली, कूड़ा आदि जलाने पर जुर्माना आदि के आदेश दिए हुए हैं। कृषि विभाग ने भी चेतावनी दे रखी है। इसके बावजूद कुछ किसान बाज नहीं आ रहे।
कृषि विभाग ने इसकी जांच के लिए टीम को रात में ग्रामीण क्षेत्रों में भेजा। टीम ने दो दिन में अलग-अलग क्षेत्रों में 22 लोगों को पराली जलाते हुए चिन्हित किया। कार्रवाई की जद में आने वाले किसानों में सात-सात डिबाई व खुर्जा क्षेत्र के, दो स्याना, चार सदर तहसील क्षेत्र जबकि दो किसान पहासू क्षेत्र के हैं।
पराली जलाने के आरोपित किसानों पर पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना लगाने के साथ मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति भी जिलाधिकारी ने कर दी है। जिला कृषि अधिकारी एके सिंह ने बताया कि पराली जलाने वाले 22 किसानों पर एफआइआर के साथ जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जा रही है।
खुलेआम जलाई जा रही है पराली और कूड़ा
संसू, ऊंचागांव : जहरीली हवा और बढ़ते प्रदूषण की मार झेलने के बाद भी पराली और कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा रहा है। बुधवार को थाना अहार के निकट सड़क किनारे पड़े कूडे़ और खेतों में पड़ी पराली खुलेआम जलाई जा रही है। सड़क किनारे हो रहे प्रदूषण के बाद भी स्थानीय पुलिस और अन्य अधिकारी अनजान बने रहे।
लगातार ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ रहे प्रदूषण के बाद भी पराली और कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध नहीं लग पा रहा है। जबकि अधिकारियों ने प्रदूषण पर रोकथाम के लिए ग्रामीण क्षेत्र में चलाए जा रहे क्रेशर और भट्ठियों को भी बंद करा दिया है और पराली और कूड़ा जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाही करने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस को दी है। लेकिन बावजूद इसके भी अहार क्षेत्र में थाने के निकट खेतों में पड़ी पराली और सड़क किनारे पड़े कूड़े को खुलेआम बिना रोकटोक के जलाया जा रहा है। जिसके कारण सड़क से गुजरने वाले राहगीरों और स्कूल के छात्र छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना करने के लिए विवश होना पड़ रहा है।