सीवर लाइन पर 150 करोड़ खर्च फिर पालिका बना रही नाले
केंद्र सरकार की अमृत योजना से शहर में सीवर लाइन का निर्माण किया जा रहा है। बावजूद इसके शहर में करीब दो करोड़ रुपये की लागत से नालों का भी निर्माण किया जा रहा है। कमीशनखोरी के खेल में बन रहे नालों से सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। लेकिन किसी अधिकारी का इस पर कोई ध्यान नहीं है।
बुलंदशहर, जेएनएन। केंद्र सरकार की अमृत योजना से शहर में सीवर लाइन का निर्माण किया जा रहा है। बावजूद इसके शहर में करीब दो करोड़ रुपये की लागत से नालों का भी निर्माण किया जा रहा है। कमीशनखोरी के खेल में बन रहे नालों से सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। लेकिन किसी अधिकारी का इस पर कोई ध्यान नहीं है।
पिछले डेढ़ साल से शहर में सीवर लाइन का काम चल रहा है। लेकिन पिछले छह माह में शहर में गांधी बालिका निकेतन स्कूल से ईदगाह रोड तक का नाला बनाया गया। इसके साथ ही अंसारी रोड पर भी बड़ा नाला बनाया जा रहा है। इसका निर्माण अभी चल रहा है। साथ ही शहर के भूड़ चौराहा पर भी नाले का निर्माण किया गया। नालों पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस पर बड़ा सवाल ये है, कि जब सीवर लाइन बनाई जा रही है तो नालों का निर्माण क्यों किया जा रहा है? नालों की जरुरत ही क्या रह गई? इसका जवाब जिम्मेदारों के पास नहीं है। नाले बनाने का प्रस्ताव जब बोर्ड बैठक में रखा गया तो सभासद सुनील शर्मा उर्फ टीटू व ऋषिपाल सिंह ने इस पर सवाल भी खड़े किए थे। लेकिन सभासदों की बात पर ध्यान नहीं दिया गया। निर्माण में किया खेल
-गांधी बालिका निकेतन स्कूल से ईदगाह रोड तक का नाला एक ही है। इसके लिए एक ही प्रस्ताव बनना चाहिए था। नियम है कि यदि 50 लाख से ऊपर का नाला निर्माण है, तो इसको जलनिगम करेगा। इससे कम लागत के नाले पालिका खुद बनाती है। इसलिए पालिका ने इस नाले के पांच टुकड़े करके निर्माण कराया। इन्होंने कहा.
सीवर लाइन के साथ नालों की जरुरत भी पड़ती है, क्योंकि बरसात का कैसे निकलेगा। प्रस्ताव मेरे कार्यकाल से पहले ही पास हो गए थे।
-डा. पंकज सिंह, ईओ-नगरपालिका