वुशू प्रतियोगिता में 12 खिलाड़ियों ने झटके पदक
बागपत जिले के बड़ौत में आयोजित हुई वुशू प्रतियोगिता में खुर्जा के 12 खिलाड़ियों ने पदक झटक लिए। गुरुवार को विजेता खिलाड़ियों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। वहीं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई।
जेएनएन, बुलंदशहर। बागपत जिले के बड़ौत में आयोजित हुई वुशू प्रतियोगिता में खुर्जा के 12 खिलाड़ियों ने पदक झटक लिए। गुरुवार को विजेता खिलाड़ियों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। वहीं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई।
खुर्जा मार्शल आर्ट्स अकादमी के चीफ कोच अमित शर्मा ने बताया कि बागपत के बड़ौत स्थित जनता वैदिक कालेज के स्टेडियम में 19वीं सीनियर राज्य स्तरीय वुशू प्रतियोगिता हुई थी। यह प्रतियोगिता बीते 12 से लेकर 16 फरवरी तक हुई थी। जिसमें प्रदेशभर के 400 से अधिक खिलाड़ी प्रतिभाग करने के लिए पहुंचे थे। प्रतियोगिता में खुर्जा के 16 खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया। जिसके बाद खुर्जा निवासी खिलाड़ी दानवीर चौधरी व गौरव कुमार ने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। वहीं सौरभ चौधरी, पूजा, कुमारी ज्योति ने रजत पदक पर कब्जा जमाया। वहीं प्रीति कश्यप, कुमारी रूबी, रूपल चौधरी, हिमांशु चौधरी, लवकुश, पवन कुमार और मनीष ने कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। गुरुवार को अकादमी पर विजेता रहे खिलाड़ियों का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इसमें आस्था, राहुल, गौरव, लक्ष्य कौशिक, सुमित शर्मा, पायल सोलंकी, राशि, दीपक आदि रहे। अनुभव लेखन प्रतियोगिता में शिवानी प्रथम
गुलावठी में शुभम संस्था द्वारा हुई राष्ट्रीय कार्यशाला के बाद छात्रों की अनुभव लेखन प्रतियोगिता हुई। इसमें छात्रा शिवानी ने प्रथम प्राप्त किया है। द्वितीय स्थान पर बसंती देवी महाविद्यालय देवली की छात्रा पूजा और तृतीय स्थान पर डीएनपीजी कालिज गुलावठी की छात्रा ज्योति रही। मनीषा सैनी, रीतिकाल शर्मा, शिल्पी शर्मा, जूही, हबीबा जफर, ब्रिजेश और राधिका को प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया है।
प्रतिभागियों ने 'सूचना प्रौद्योगिकी और नागरी लिपि' कार्यशाला के अनुभवों को महत्वपूर्ण बताते हुए नागरी लिपि और हिदी को राष्ट्रीय अस्मिता का मूलाधार माना तथा इन्हें आधुनिकतम प्रौद्योगिकी से जोड़े जाने के लिए युवा पीढ़ी को अधिकाधिक आगे आने की आवश्यकता पर बल दिया। शुभम संस्था के अध्यक्ष डा. देवकीनंदन शर्मा ने सभी विजेताओं और प्रतिभागियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि वर्तमान वैश्विक पटल पर हिदी को सशक्त बनाने के लिए नागरी लिपि के साथ को नवीनतम प्रौद्योगिकी से जोड़ना परम आवश्यक है।