दस करोड़ खर्च फिर भी जलभराव की समस्या बरकरार
नगर पालिका ने पांच साल में शहर में दस से अधिक नालों के निर्माण पर दस करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की। हर साल बरसात से पहले नालों की सफाई पर भी मोटा बजट खर्च किया।
बुलंदशहर, जेएनएन। नगर पालिका ने पांच साल में शहर में दस से अधिक नालों के निर्माण पर दस करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि खर्च की। हर साल बरसात से पहले नालों की सफाई पर भी मोटा बजट खर्च किया। साठा के नाले को खर्च करने के लिए पोप लेन मशीन किराए पर ली गई। नालों को साफ करने के लिए कर्मचारियों की फौज भी मैदान में उतारी। पालिका चेयरमैन मनोज गर्ग और ईओ निहालचंद ने भी नालों की सफाई के दावे किए, लेकिन शहर में जलभराव की समस्या जस की तस बनी हुई है। ऐसे में पालिका प्रशासन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। लोग खर्च का हिसाब मांग रहे हैं। लेवलिग की समस्या
-सभासद सुनील शर्मा उर्फ टीटू और सभासद ऋषिपाल सिंह का कहना है कि पालिका के अधिकांश काम समस्या के निराकरण के हिसाब नहीं, बल्कि कमीशन के हिसाब से होते हैं। इसलिए वह सफल नहीं हो पाते हैं। नाला निर्माण के समय लेवलिग तक नहीं की जाती। लेवलिग हो तो पानी का ढलान सही तरीके से और तेजी से होगा। आफिसर कम्पाउंड में भी जलभराव
-शहर में जलभराव की स्थिति ये है कि पुराना शहर तो छोड़िये आफिसर कम्पाउंड तक की सड़कें तलैया बन जाती हैं। शहर में पचास से अधिक स्थानों पर जलभराव होता है। जिस सड़क पर डीएम रहते हैं वहां भी भारी जलभराव होता है। इन्होंने कहा
कुछ नाले छोटे हैं। जब अधिक बारिश होती है तो जलभराव होता है। नाले कैसे हैं और किसने बनवाए ये सब मामला मेरे यहां आने से पहले का है। अब जो नाले बन रहे हैं वह मानक अनुसार बनाए जा रहे हैं।
-निहालचंद-पालिका ईओ