'छोटू' को कब मिलेगी बालश्रम से मुक्ति
होटल ढाबा और चाय की दुकान पर छोटू का काम करना आम है। हालांकि बालश्रम पर लगाम लगाने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग सेल एवं श्रम विभाग की संयुक्त टीमें इन प्रकरणों में कार्रवाई भी कर रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल एक सितंबर से 30 सितंबर 2020 तक चले अभियान के दौरान बालश्रम के 38 मामले पकड़े गए। इस साल 10 से 25 मार्च तक अभियान चलेगा।
बिजनौर, राजनारायण कौशिक। होटल, ढाबा और चाय की दुकान पर 'छोटू' का काम करना आम है। हालांकि बालश्रम पर लगाम लगाने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग सेल एवं श्रम विभाग की संयुक्त टीमें इन प्रकरणों में कार्रवाई भी कर रही हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले साल एक सितंबर से 30 सितंबर 2020 तक चले अभियान के दौरान बालश्रम के 38 मामले पकड़े गए। इस साल 10 से 25 मार्च तक अभियान चलेगा।
हाईवे और शहरी क्षेत्रों में खुले होटल, ढाबों और चाय की दुकानों पर छोटू (14 साल से कम उम्र के बच्चे) काम करते मिलते हैं। होटल, ढाबों और चाय की दुकानों पर काम करने वाले छोटू की अहमियत दुकानदार से अधिक होती है। ग्राहक बैठते ही अरे छोटू पानी देना, छोटू चाय देना की आवाज लगाते हैं। छोटू भी बिना थके ग्राहकों की फरमाइश पूरी करने में कोई कसर नहीं छोड़ता। यहां तक ग्राहक द्वारा लिए सामान का हिसाब-किताब भी छोटू संभालता है। उधर सरकार ने बालश्रम पर रोक लगाने के लिए श्रम एवं पुलिस विभाग ने ह्यूमन ट्रैफिकिग सेल भी गठित कर रखी है। बाल श्रम पर प्रभावी रोक लगाने के लिए गठित टीम में शामिल अधिकारियों ने एक सितंबर से 30 सितंबर तक चले अभियान के दौरान बाल श्रम उल्लंघन के 38 मामले पकड़ने के बाद बाल श्रमिकों को मुक्त कराने के बाद उनका सरकारी स्कूलों में दाखिला कराने की कार्रवाई कराई गई थी।
जनपद में दस से 25 मार्च तक एक बार फिर बालश्रम पर रोक लगाने को अभियान चलेगा, लेकिन अभी तक बालश्रम का एक भी मामला पकड़ में नहीं आया। सहायक श्रमायुक्त प्रदीप कुमार का कहना है कि बालश्रम की रोकथाम के लिए जिले में अभियान शुरू कर दिया गया है। वहीं एएसपी सिटी डा. प्रवीण रंजन सिंह बताते हैं कि पिछले साल सितंबर में बालश्रम के पकड़े 38 मामलों में विधिक कार्रवाई की गई है। अब 25 मार्च तक अभियान चलाकर बालश्रम की रोकथाम की कार्रवाई की जाएगी।