कम वसूली पर डीएम नाराज, कार्रवाई की चेतावनी
जेएनएन बिजनौर डीएम रमाकांत पांडेय ने कलक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई कर-करेत्तर की समीक्षा
जेएनएन, बिजनौर : डीएम रमाकांत पांडेय ने कलक्ट्रेट सभाकक्ष में हुई कर-करेत्तर की समीक्षा बैठक में लक्ष्य के सापेक्ष कम वसूली करने पर अधिशासी अधिकारियों के विरुद्ध चेतावनी जारी करने के साथ-साथ उनका जवाब-तलब किया है। उन्होंने कहा कि वसूली कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
डीएम ने एसडीएम तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह 20-20 बड़े बकाएदारों की सूची तैयार कर उनसे राजस्व वसूली करने का काम करें। उन्होंने करापवंचन रोकने के लिए जीएसटी, परिवहन और राजस्व अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संयुक्त टीमें बनाकर चेकिग करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्टाम्प, परिवहन, वन, मण्डी सहित अन्य विभागों द्वारा मानक से कम वसूली पर नाराजगी जताते हुए लक्ष्य के सापेक्ष शत-प्रतिशत रूप से पूरा करने के आदेश दिए। उन्होंने समीक्षा में पाया कि विद्युत, आबकारी, सिचाई, बाट-माप विभाग द्वारा विभागीय लक्ष्य के सापेक्ष वसूली कार्य संतोषजनक है। डीएम ने सभी एसडीएम एवं तहसीलदारों को निर्देशित किया कि वह निर्धारित दायरे के सापेक्ष न्यायिक कार्य करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी पीठासीन अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह वादों के गुणवत्तापरक निस्तारण कार्य में तेजी लाएं, ताकि अनावश्यक रूप से वाद लंबित न रहने पाएं। बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व अवधेश कुमार मिश्र, एडीएम प्रशासन विनोद कुमार गौड़, अतिरिक्त मजिस्ट्रेट परमानन्द झा सहित सभी एसडीएम, तहसीलदार तथा राजस्व समेत संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए गुरुकुल पद्धति सर्वश्रेष्ठ
जेएनएन, बिजनौर। यदि जीवन सफल बनाना है तो निश्चित तौर पर मनुष्य को सुकर्म करने चाहिए। शनिवार को समीपवर्ती गांव कल्याण में तेजपाल सिंह आर्य के प्रतिष्ठान पर आयोजित तीन दिवसीय सामवेद पारायण यज्ञ के दूसरे दिन शनिवार को हरियाणा के विद्वान अमित शास्त्री ने वेद वाणी व्यक्त करते हुए उपस्थित श्रद्धालु जनों से आह्वान किया।
कहा कि वास्तव में ईश्वर ने मनुष्य जीवन अनमोल दिया है। इसे जीवन पर्यंत बहुत ही संवार कर रखने की आवश्यकता है। यदि मनुष्य को जीवन सफल बनाना है तो निश्चित उसे सुकर्म करने होंगे। उच्च कोटि के आर्य विद्वान एवं जिला वेद प्रचार अधिष्ठाता कुलदीप विद्यार्थी ने वेद वाणी व्यक्त करते हुए आर्य बंधुओं से बच्चों को आर्य शिक्षा पद्धति अपनाने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया। उन्होंने गुरुकुल की शिक्षा को सर्वोच्च और श्रेष्ठ शिक्षा पद्धति बताया। वास्तव में यही शिक्षा पद्धति मनुष्य के सफल जीवन का आधार है। कार्यक्रम में देशराज सिंह आर्य व सुधीर आर्य यजमान रहे। कार्यक्रम में कृष्ण पाल आर्य, अजय कुमार, नरेंद्र सिंह आर्य, जयपाल सिंह आर्य, मास्टर सूरजपाल आर्य, भानु प्रताप आर्य, ब्रह्मपाल सिंह आर्य एवं सविता, प्रसन्नता, रीता, प्रीति, रेखा, विनीता, निधि, सलोनी, भावना, केवी आर्या आदि की मौजूदगी रही।