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संभलकर चलें, पुल पर गड्ढे ही गड्ढे

नजीबाबाद क्षेत्र में सड़कों की हालत तो बदतर है ही पुलों की हालत भी कुछ ठीक नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर मालन नदी के दशकों पुराने पुल के दोनों ओर गहरे गड्ढे हो चुके हैं। खनिज से भरे ओवरलोड डंपर गुजरने के दौरान पुल पर काफी कंपन महसूस किया जा रहा है। इस बदहाल पुल पर हर समय दुर्घटना का डर बना हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Sep 2021 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 02 Sep 2021 09:02 AM (IST)
संभलकर चलें, पुल पर गड्ढे ही गड्ढे
संभलकर चलें, पुल पर गड्ढे ही गड्ढे

जेएनएन, बिजनौर। नजीबाबाद क्षेत्र में सड़कों की हालत तो बदतर है ही, पुलों की हालत भी कुछ ठीक नहीं है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर मालन नदी के दशकों पुराने पुल के दोनों ओर गहरे गड्ढे हो चुके हैं। खनिज से भरे ओवरलोड डंपर गुजरने के दौरान पुल पर काफी कंपन महसूस किया जा रहा है। इस बदहाल पुल पर हर समय दुर्घटना का डर बना हुआ है।

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मालन नदी नगर सीमा से सटकर बहती है। यह हरिद्वार-मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग को क्रास करती है। यहां दशकों पुराना पुल बना है। पुल और इसकी एप्रोच की सड़क बदहाल है। गतवर्ष पुल और एप्रोच मार्ग की भी मरम्मत की गई थी, लेकिन कुछ ही महीनों में हालत पहले से भी बदतर हो गई। यही हाल करीब ढाई किलोमीटर दूर रतनाल नदी और लकड़हान नदी पर बने पुल का भी है। कोटावाली पुल पर नहीं ध्यान

नजीबाबाद से करीब 16 किलोमीटर दूर कोटावाली नदी पर बने पुल में पड़ी दरार पांच वर्ष बाद भी दुरुस्त नहीं की जा सकती है। आइआइटी रुड़की के इंजीनियर्स समेत कई तकनीकी अधिकारी पुल का मुआयना कर चुके हैं, लेकिन इसमें सुधार के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। बोले नागरिक:

वास्तव में हालात बहुत खराब हैं। ऐसा लगता है जैसे यहां से अधिकारी और जनप्रतिनिधि गुजरते ही नहीं होंगे। नहीं तो यह कब का ठीक हो जाना चाहिए था। -पंकज कुमार, अधिवक्ता

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गतवर्ष लकड़हान नदी पुल की सड़क ध्वस्त हुई थी, तो काफी समय तक हमने और क्षेत्रवासियों ने परेशानी झेली थी। अब फिर से पहले वाले हालात बनते दिख रहे हैं।

-आशा रजा, शिक्षिका

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सड़कें तो बदहाल हैं ही, नदियों पर बने पुल की हालत बहुत खराब है। यहां से गुजरने में अब डर लगने लगा है। पता नहीं इस पर किसी का ध्यान क्यों नहीं है।

-डा. दिनेश शर्मा, चिकित्सक

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लगता है जब तक कोई बड़ी दुर्घटना नहीं होगी, तब तक इस ओर कोई नहीं सोचेगा। अनदेखी का आलम यह है कि सिस्टम सरकार को फेल करने में लगा है।

-विजय वर्मा, कारोबारी

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इनका कहना है:

गतवर्ष ही हाईवे का जीर्णोद्धार कराया गया था। सड़क पर पानी रुकने के कारण कहीं-कहीं सड़क को क्षति पहुंची है। पुल और उसके आसपास सड़कों की हालत ज्यादा खराब है। वर्षा काल खत्म होते ही मरम्मत कराई जाएगी।

-बीपी पाठक, परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण खंड


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