बगैर थर्मल स्क्रीनिंग के बसों में सवार किए जा रहे यात्री
कोरोना वायरस को लेकर रोडवेज कर्मचारी संवेदनशील नजर नहीं आ रहे हैं। रोडवेज डिपो पर पहुंचने वाले यात्री बगैर थर्मल स्केनिग के बसों में बैठ रहे हैं। रोडवेज कर्मचारियों की लापरवाही के चलते यात्री रोडवेज बसों में सफर करने से कतरा रहे हैं।
बिजनौर, जेएनएन। कोरोना वायरस को लेकर रोडवेज कर्मचारी संवेदनशील नजर नहीं आ रहे हैं। रोडवेज डिपो पर पहुंचने वाले यात्री बगैर थर्मल स्केनिग के बसों में बैठ रहे हैं। रोडवेज कर्मचारियों की लापरवाही के चलते यात्री रोडवेज बसों में सफर करने से कतरा रहे हैं। अनलॉक-1 में शुरू हुई निगम की बसों को एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी पर्याप्त यात्री नहीं मिल रहे हैं। दोपहर बाद बसों के पहिया जाम हो जाते हैं।
कोरोना वायरस से जंग के बीच परिवहन निगम ने अनलॉक-1 में नागरिकों की परेशानी को बसों को चलाने का निर्णय लिया। करीब एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी रोडवेज की व्यवस्था पटरी पर नहीं लौटी है। बसों को पर्याप्त यात्री नहीं मिलने से रोडवेज को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। कोरोना वायरस के चलते यात्री रोडवेज बसों में जोखिम उठाकर सफर करने से कतरा रहे हैं तो इसका बड़ा कारण रोडवेज कर्मचारियों की लापरवाही भी है।
रोडवेज पर नियमित रूप से यात्रियों की थर्मल स्केनिग और सैनिटाइज की व्यापक व्यवस्था नहीं होना भी मुख्य वजह है। मुरादाबाद निवासी यात्री ताजिन का कहना है कि वह रोडवेज बस स्टैंड पर मुरादाबाद जाने के लिए पहुंचा तो रोडवेज कर्मचारियों ने बस की ओर इशारा किया। उनकी न तो कर्मचारियों ने थर्मल स्केनिग की और न ही उनके हाथों को सैनिटाइज कराया। बाकी यात्री भी बस में बगैर थर्मल स्केनिग बैठ गए। रोडवेज कर्मचारियों को लापरवाही से कोरोना वायरस को फैलने का मौका तो मिल ही रहा है। साथ ही यात्री रोडवेज बसों में सफर करने से भी कतरा रहे हैं।
इनका है कहना..