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पर्चा फाड़ने की लखनऊ तक गूंज, अफसरों से जवाब तलब

ब्लॉक प्रमुख पद के नामांकन के दिन हुए धामपुर में पर्चा फाड़ने की घटना की गूंज शासन तक गई है। आला अफसरों को फटकार लगाते हुए तीन दिन में पूरी घटना का स्पष्टीकरण मांगा है। इसके बाद पुलिस-प्रशासन में खलबली मची है। जांच रिपोर्ट के बाद शासन स्तर से पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों और घटना के जिम्मेदार भाजपाइयों पर गाज गिर सकती है। वहीं पुलिस-प्रशासन जांच के लिए साक्ष्य जुटाने में लग गया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 10:51 PM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 10:51 PM (IST)
पर्चा फाड़ने की लखनऊ तक गूंज, अफसरों से जवाब तलब
पर्चा फाड़ने की लखनऊ तक गूंज, अफसरों से जवाब तलब

बिजनौर, जेएनएन। ब्लॉक प्रमुख पद के नामांकन के दिन हुए धामपुर में पर्चा फाड़ने की घटना की गूंज शासन तक गई है। आला अफसरों को फटकार लगाते हुए तीन दिन में पूरी घटना का स्पष्टीकरण मांगा है। इसके बाद पुलिस-प्रशासन में खलबली मची है। जांच रिपोर्ट के बाद शासन स्तर से पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों और घटना के जिम्मेदार भाजपाइयों पर गाज गिर सकती है। वहीं पुलिस-प्रशासन जांच के लिए साक्ष्य जुटाने में लग गया है।

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आठ जुलाई को जिलेभर में 11 पदों पर ब्लॉक प्रमुख पद के लिए नामांकन हो रहा था। धामपुर के अल्हैपुर ब्लॉक पर भाजपा प्रत्याशी कुसुम चुनाव लड़ रही थीं। वहीं उनके मुकाबले पर निर्दलीय प्रत्याशी हेमलता नामांकन कराने आई थीं। ब्लॉक के पास ही भाजपा प्रत्याशी समर्थकों ने नामांकन पत्र छीनकर फाड़ डाला। हंगामे के बाद दोबारा से नामांकन पत्र लाया गया। पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों के सामने एक युवक नामांकन पत्र छीनकर भाग गया। मामला हाईकमान तक पहुंचा। डीएम उमेश मिश्र और एसपी डा. धर्मवीर सिंह ने तत्काल धामपुर पहुंचकर अपनी मौजूदगी में नामांकन पत्र भरवाया। इसको लेकर काफी खींचतान रही। इसके अलावा मोहम्मदपुर देवमल में भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों ने सपा महिला प्रत्याशी का नामांकन पत्र छीन लिया था।

तीन दिन में मांगा जवाब, गिर सकती है गाज

शासन की ओर से अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था की ओर से पत्र जारी करते हुए धामपुर की घटना पर जवाब मांगा गया है। डीएम-एसपी के अलावा पुलिस-प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई गई है। कड़ी फटकार लगाते हुए तीन दिन के अंदर पूरे साक्ष्यों के साथ रिपोर्ट भेजने को कहा है। मुख्यालय से एसपी से नाराजगी जताते हुए कहा गया है कि सात जुलाई को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से नामांकन के संबंध में व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कहा गया था। इसके बावजूद लापरवाही बरती गई। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। मौके की सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है। घटनास्थल पर मौजूद अधिकारियों के भी बयान दर्ज किए जा रहे हैं। शासन को रिपोर्ट भेजने के बाद बड़ी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है। इस प्रकरण में घटना के समय संबंधित विभाग के अधिकारियों के अलावा घटना को अंजाम देने के जिम्मेदार भाजपाईयों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है। शासन की सख्ती के बाद पुलिस-प्रशासन और सत्ता पार्टी में हलचल मची हुई है। इस मामले में एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह का कहना है कि धामपुर में हुए विवाद में कहां पर लापरवाही हुई है, इसकी जांच गंभीरता से कराई जा रही है। साक्ष्यों के आधार पर जांच रिपोर्ट तैयार की जाएगी।


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